सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने की घटना को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा कि ये घटना सिर्फ सुप्रीम कोर्ट या वकीलों के समुदाय को नहीं, बल्कि पूरे समाज को आहत करती है।
By: Arvind Mishra
Nov 12, 20252:56 PM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने की घटना को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा कि ये घटना सिर्फ सुप्रीम कोर्ट या वकीलों के समुदाय को नहीं, बल्कि पूरे समाज को आहत करती है। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि कुछ घटनाओं की सिर्फ निंदा करना काफी नहीं होता, उनसे निपटने के लिए सख्त कदम उठाना भी जरूरी है। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी उस जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की जिसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से इस घटना के वीडियो और संबंधित वकील के बयान को हटाने की मांग की गई थी। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर पहले से सुनवाई कर रहा है। वहां सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने उस वकील के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की है।
अब 4 दिसंबर को सुनवाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता तेजस्वी मोहन से कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले में आवेदन दाखिल करें और पक्षकार बनने की कोशिश करें। कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया कि अगर याचिकाकर्ता वहां पक्षकार नहीं बन पाते तो दिल्ली हाईकोर्ट इस अर्जी पर दोबारा सुनवाई करेगा। इस मामले की अगली सुनवाई अब 4 दिसंबर को होगी।
एक नजर में पूरा मामला
सीजेआई बीआर गवई के सामने कोर्ट में छह अक्टूबर को एक वकील ने हंगामा करने की कोशिश की थी। आरोप है कि वकील ने सीजेआई की तरफ जूता फेंकने का प्रयास किया। वकील डेस्क के पास गया और जूता निकालकर जज की तरफ फेंकने की कोशिश की लेकिन कोर्ट में मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने समय रहते हस्तक्षेप किय किया और वकील को बाहर ले गए। बाहर जाते समय वकील ये कहते सुना गया कि सनातन का अपमान नहीं सहेंगे। आरोपी वकील का नाम राकेश किशोर है। सुप्रीम कोर्ट बार में उनका रजिस्ट्रेशन 2011 है।