सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चंदे के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को खारिज कर चुकी है। इसके बाद राजनीतिक दलों को अब डोनेशन, इलेक्टोरल ट्रस्ट के माध्यम से दिया जा रहा है। इसी कड़ी में प्राइवेट कंपनियों द्वारा समर्थित ट्रस्ट की ओर से राजनीतिक दलों को जमकर चंदा दिया गया।
By: Arvind Mishra
Dec 22, 20251:40 PM

नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चंदे के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को खारिज कर चुकी है। इसके बाद राजनीतिक दलों को अब डोनेशन, इलेक्टोरल ट्रस्ट के माध्यम से दिया जा रहा है। इसी कड़ी में प्राइवेट कंपनियों द्वारा समर्थित ट्रस्ट की ओर से राजनीतिक दलों को जमकर चंदा दिया गया। खास बात है कि इस वित्त वर्ष राजनीतिक चंदा देने के मामले में तीन गुना तक की वृद्धि रिकॉर्ड की गई है। वित्त वर्ष 2024-25 में 9 इलेक्टोरल ट्रस्ट ने विभिन्न राजनीतिक दलों को 3811 करोड़ रुपए का चंदा दिया है। राजनीतिक दलों को मिला 3,811 करोड़ का यह दान पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में दिए गए 1,218 करोड़ की तुलना में तीन गुना से भी ज्यादा है। भारत चुनाव आयोग को सौंपी रिपोर्ट्स के अनुसार, 3811 करोड़ की इस रकम में भाजपा को 3,112 करोड़, कांग्रेस को 299 करोड़, और अन्य पार्टियों को मिलाकर 400 करोड़ रुपए चंदे के रूप में मिले हैं।
कंपनी के दान पर एक नजर
2024-25 के फाइनेंशियल ईयर में इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए मिलने वाला डोनेशन पिछले साल के मुकाबले तीन गुना से ज्यादा हो गया, जो 1,218 करोड़ था। 20 दिसंबर, 2025 तक, 19 रजिस्टर्ड ट्रस्ट में से 13 ने रिपोर्ट जमा की है, जिसमें से 9 ट्रस्ट ने बड़ा चंदा दिया है, जबकि 4 ट्रस्ट्स, जनहित, परिवर्तन, जयहिंद और जयभारत ने कोई दान नहीं दिया।
सूची में सबसे ऊपर भाजपा
राजनीतिक दलों को डोनेशन देने के मामले में प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट इस लिस्ट में सबसे ऊपर रहा, जिसने 15 पार्टियों को 2,668 करोड़ बांटे। भाजपा को 2,180.7 करोड़ मिले, जबकि कांग्रेस को 216.3 करोड़ मिले। टीएमसी और एसआर को क्रमश: 92 करोड़ और 88 करोड़ रुपए मिले।
दानवीरों में टाटा समूह भी
टाटा ग्रुप से जुड़े प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 914.97 करोड़ डोनेट किए, जिसमें से 80.8 फीसदी (757.6 करोड़ ) भाजपा को मिले। कांग्रेस को 77.3 करोड़ मिले, और बाकी आठ पार्टियों ने 10 करोड़ आपस में बांटे। डोनेट करने वालों में टाटा संस, टीसीएस, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा पावर शामिल थे।
भाजपा पर मेहरबान कंपनियां
न्यू डेमोक्रेटिक इलेक्टोरल ट्रस्ट (महिंद्रा ग्रुप द्वारा समर्थित) ने भाजपा को 150 करोड़ रुपए दिए, जबकि कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) को 5-5 करोड़ दिए गए। हार्मनी इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा को 30.15 करोड़ का चंदा दिया, जिसे मुख्य रूप से भारत फोर्ज, सारलोहा एडवांस्ड मटीरियल्स और कल्याणी स्टील ने फंड किया था। इसी तरह ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा को 21 करोड़ दान किए, जिसका ज्यादातर हिस्सा सीजी पावर से आया था।