लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल ने एमपी बोर्ड त्रैमासिक परीक्षा समय सारणी शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए कक्षा 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए आधिकारिक रूप से जारी कर दी है। त्रैमासिक परीक्षा इस वर्ष 28 अगस्त 2025 से शुरू होकर 9 सितंबर तक चलेगी।
By: Arvind Mishra
Aug 21, 2025just now
भोपाल। स्टार समाचार वेब
लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल ने एमपी बोर्ड त्रैमासिक परीक्षा समय सारणी शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए कक्षा 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए आधिकारिक रूप से जारी कर दी है। त्रैमासिक परीक्षा इस वर्ष 28 अगस्त 2025 से शुरू होकर 9 सितंबर तक चलेगी। दरअसल, मध्यप्रदेश में पहले सरकारी स्कूलों में कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक की त्रैमासिक और छमाही परीक्षा कब हो जाती थी, पता नहीं चलता था। इस बार भी ये परीक्षाएं होंगी। लेकिन इस बार परीक्षाओं में बड़ा बदलाव किया गया है। अब त्रैमासिक परीक्षाएं भी बोर्ड परीक्षाओं की तर्ज पर कराई जाएंगी। इस बार परीक्षा में संयुक्त संचालक शिक्षा व जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा गठित दल न केवल परीक्षाओं का निरीक्षण करेंगे, बल्कि परीक्षा का रिजल्ट पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। लोक शिक्षण विभाग ने परीक्षाओं की समय सारणी भी घोषित कर दी हैं। अब शिक्षा विभाग परीक्षाओं को सुचारू कराने के लिए दल गठित करने का काम शुरू कर दिया है।
पहले त्रैमासिक परीक्षा व छमाही परीक्षा की समय सारणी स्कूल अपने स्तर से बनाते थे और अपनी सुविधा अनुसार ही परीक्षा कराते थे। अब पूरे प्रदेश में एक साथ परीक्षा होगी। हालांकि बोर्ड 9वीं से 12वीं तक की परीक्षाओं की तिथि व समय सारणी जारी करता था। पहले त्रैमासिक व छमाही की परीक्षा स्कूल स्तर पर होती थी और प्रश्नपत्र भी स्कूल के शिक्षक ही बनाते थे। अब लोक शिक्षण विभाग ही प्रश्न पत्र बनाएगा और पोर्टल पर प्रश्नपत्र वाले दिन उपलब्ध होंगे। जिनकी प्रिंट लेकर फोटो कापी कराकर प्रश्नपत्र छात्रों को दिए जाएंगे।
पहले शिक्षा विभाग के दल भी इन परीक्षाओं का निरीक्षण नहीं करते थे। लेकिन इस बाद संयुक्त संचालक व जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा गठित दल परीक्षाओं का निरीक्षण करेंगे। इन्हें भी एक दिन में कम से कम 10-10 स्कूलों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। पहले त्रैमासिक व छमाही परीक्षा का परिणाम व छात्रों के अंक पोर्टल पर अपलोड नहीं होते थे। अबकी बार परिणाम 20 सितंबर तक पोर्टल पर अपलोड करना है।
विभाग के अफसरों का कहना है कि इससे छात्र व स्कूलों के शिक्षक परीक्षा की गंभीरता को समझेंगे। साथ ही प्रश्नपत्र भी बोर्ड स्तर के होंगे। इससे छात्रों को वार्षिक परीक्षा के लिए तैयारी करने में भी आसानी होगी।