अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) की शुरुआती रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, एअर इंडिया का बोइंग-787-8 विमान एआई-171, 12 जून को जब अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने लगा तो केवल तीन सेकेंड बाद ही ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई।
By: Arvind Mishra
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) की शुरुआती रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, एअर इंडिया का बोइंग-787-8 विमान एआई-171, 12 जून को जब अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने लगा तो केवल तीन सेकेंड बाद ही ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई। टेकआफ के बाद दोनों इंजनों की ईंधन आपूर्ति बंद होते ही केवल 29 सेकेंड बाद विमान मेघाणीनगर में क्रैश हो गया। दरअसल, अहमदाबाद प्लेन हादसे के एक महीने बाद शुरुआती जांच रिपोर्ट आ गई है। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो ने 12 जुलाई को 15 पेज की रिपोर्ट सार्वजनिक की। यह हादसा विमान के दोनों इंजन बंद होने की वजह से हुआ था। टेकआफ के तुरंत बाद एक-एक करके दोनों फ्यूल स्विच बंद हो गए थे, इस वजह से दोनों इंजन भी बंद हो गए। इस दौरान कॉकपिट की रिकॉर्डिंग से पता चला है कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा था कि क्या तुमने स्विच बंद किया है। दूसरे ने जवाब दिया, नहीं। 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट एआई-171 टेकआॅफ के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गई थी। इसमें 270 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर शामिल थे। सिर्फ एक यात्री इस हादसे में जिंदा बचा है।
हादसे वाले विमान में दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच बंद थे, जिसके बाद पायलटों ने इसे चालू किया और दोनों इंजन को दोबारा शुरू करने की कोशिश की थी। लेकिन विमान बहुत कम ऊंचाई पर था, इसलिए इंजनों को दोबारा ताकत पाने का समय नहीं मिल सका और विमान क्रैश हो गया। हालांकि ये सामने नहीं आया है कि फ्यूल स्विच बंद कैसे हुए थे।
15 पन्नों की रिपोर्ट के मुताबिक, टेकआफ से लेकर हादसे तक की पूरी उड़ान करीब 30 सेकेंड ही चली। इस समय तक रिपोर्ट में बोइंग-787-8 विमान और जीई जीईएनएक्स-1बी इंजन को लेकर किसी आॅपरेटर के लिए कोई चेतावनी या कार्रवाई की सिफारिश नहीं की गई है। साथ ही रिपोर्ट में मौसम, बर्ड-हिट और सबोटाज जैसे किसी भी कारण का जिक्र नहीं है।
एएआईबी ने विमान के मेंटेनेंस रिकॉर्ड की भी जांच की। इसमें पाया गया कि थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल 2019 और 2023 में बदला गया था, लेकिन इसका संबंध फ्यूल कटआफ से नहीं था। फ्यूल स्विच को लेकर साल 2023 के बाद कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई। फिलहाल एएआईबी ने इंजन आॅपरेटर्स के लिए कोई विशेष चेतावनी जारी नहीं की है। जांच आगे जारी है और अन्य तकनीकी दस्तावेजों की भी समीक्षा की जा रही है। एअर इंडिया ने बयान जारी कर कहा है कि वे जांच एजेंसियों के साथ पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं और रिपोर्ट की हर जानकारी पर निगरानी रख रहे हैं।
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट एअरलाइन पायलट एसोसिएशन (एएलपीए) ने गंभीर चिंता जताई है। एएलपीए के अध्यक्ष सैम थॉमस ने एक बयान में जांच की आलोचना की और दावा किया कि रिपोर्ट में पायलटों को दोषी माना गया है। थॉमस ने आगे कहा कि विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने पायलटों को अंधेरे में रखते हुए प्रारंभिक रिपोर्ट मीडिया के साथ शेयर की थी। उन्होंने कहा, "हम एक बार फिर इन जांचों में बरती गई गोपनीयता से हैरान हैं।" एएलपीए ने 10 जुलाई, 2025 के वॉल स्ट्रीट जर्नल के एक आर्टिकल का भी हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया कि इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच के अनजाने में हिलने से ये दुर्घटना हुई।