उत्तरकाशी के धराली में त्रासदी के बाद भारी हुई है। चारों तरफ बर्बादी का मलबा पसरा हुआ है। इस बीच प्रशासन के द्वारा राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। शुक्रवार को रेस्क्यू आपरेशन का चौथा दिन है। सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों दिन रात बिना रुके काम में जुटी हुई हैं।
By: Arvind Mishra
Aug 08, 20253 hours ago
उत्तरकाशी। स्टार समाचार वेब
उत्तरकाशी के धराली में त्रासदी के बाद भारी हुई है। चारों तरफ बर्बादी का मलबा पसरा हुआ है। इस बीच प्रशासन के द्वारा राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। शुक्रवार को रेस्क्यू आपरेशन का चौथा दिन है। सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों दिन रात बिना रुके काम में जुटी हुई हैं।वायु सेना की ओर से दो चिनकू, दो एमआई-17 के अलावा यूकाडा के आठ हेलीकॉप्टर बचाव अभियान में लगे हैं। चिनूक हेलीकॉप्टर के माध्यम से जौलीग्रांट एयरपोर्ट से जेसीबी, एस्कवेटर, डोजर, टिप्पर, जनरेटर समेत अन्य मशीनरी उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ पहुंचाई गई। जहां से इन्हें हर्षिल भेजा जा रहा है। प्रभावितों के लिए 2500 खाने के पैकेट भी हर्षिल भेजे गए। वहीं हेलीकॉप्टर से गंगोत्री से हर्षिल 274, गंगोत्री से नेलांग 19, हर्षिल से मातली 252, हर्षिल से जौलीग्रांट एयरपोर्ट 112 लोगों को लाया गया। इनमें उत्तराखंड के अलावा गुजरात के 131, महाराष्ट्र के 123, मध्य प्रदेश के 21, उत्तर प्रदेश के 12, राजस्थान के छह, दिल्ली के सात, असम के पांच, कर्नाटक के पांच, तेलंगाना के तीन और पंजाब का एक व्यक्ति शामिल है।
इसरो की सैटेलाइट तस्वीर ने उत्तरकाशी की तबाही की तस्वीर दिखाई हैं। तस्वीरों में 20 हेक्टेयर क्षेत्र में मलबा फैला है। नदी का रास्ता पूरी तरह बदला है। कई इमारतें जलमग्न है। कुछ पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। तस्वीरों में धाराली गांव की तबाही साफ दिख रही है।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अगले हफ्ते केंद्र की अंतर मंत्रालय टीम दौरा करेगी। इस टीम में विभिन्न मंत्रालय के विशेषज्ञ नुकसान का जायजा लेने के साथ ही बचाव व राहत कार्यों की रणनीति भी तैयार करेंगे। इसके अलावा भागीरथी में बन रही झील से पानी की निकासी की निगरानी के लिए सेना व राज्य की संयुक्त टीम करेगी।
वायुसेना के चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। सेना ने कहा कि 50 से अधिक लोग लापता हैं। हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि ये संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है। हेलीकॉप्टरों के जरिए आपदा के निकटवर्ती गांवों और सेना के शिविरों में शरण लेने वाले लोगों को बाहर निकालने का काम जारी है।
धराली त्रासदी के तीन दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन अब तक सड़क मार्ग बहाल नहीं हो पाया है। जिसकी वजह से कई टीमें अभी भी रास्ते में फंसी हुई है। जगह-जगह भूस्खलन होने की वजह से रास्ते बंद हो गई हैं। इन रास्तों को खोलने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। सेना और राहत बचाव टीमें रास्ते दुरुस्त करने में जुटी हुई है।
बचाव कार्यों की निगरानी के लिए बुधवार से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी में डेरा जमाया है। उन्होंने आपदा पीड़ितों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। सीएम ने कहा कि हम सभी संकट की इस घड़ी में उनके साथ खड़े हैं, वहां फंसे हर नागरिक को सुरक्षित निकालने तक राहत और बचाव कार्य जारी रहेगा।