देश के उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार के नाम पर रविवार को मुहर लगेगी। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक रविवार शाम 6 बजे होगी, इसमें उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम तय किया जाएगा। इसके बाद 21 अगस्त को नामांकन की प्रक्रिया पूरी होगी।
By: Arvind Mishra
Aug 16, 2025just now
देश के उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार के नाम पर रविवार को मुहर लगेगी। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक रविवार शाम 6 बजे होगी, इसमें उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम तय किया जाएगा। इसके बाद 21 अगस्त को नामांकन की प्रक्रिया पूरी होगी। इस दौरान एनडीए शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। दावा किया जा रहा है कि भाजपा इस पद के लिए अपनी विचारधारा के प्रति समर्पित को उम्मीदवार बनाएगी। जिन नामों पर पार्टी में मंथन चल रहा है, उनमें कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत सबसे प्रबल दावेदार हैं। दूसरा नाम सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर का है। उधर, इंडिया गठबंधन के नेता भी उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर चर्चा के लिए 18 अगस्त को बैठक करने जा रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इंडिया ब्लॉक के नेताओं के साथ मंथन में जुटी हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 9 सितंबर को वोटिंग होगी। उसी दिन मतगणना भी होगी। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त है। 25 अगस्त तक उम्मीदवारी वापस ली जा सकती है। गौरतलब है कि जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया था। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था।
लोकसभा में कुल 542 सदस्यों में से एनडीए के पास 293 और इंडिया गठबंधन के पास 234 सदस्य हैं। राज्यसभा में 240 सदस्यों में से एनडीए को करीब 130 और गठबंधन को 79 सांसदों का समर्थन है। कुल मिलाकर एनडीए के पास 423 और इंडी ब्लॉक के पास 313 सांसदों का समर्थन है।
थावरचंद गहलोत अभी कर्नाटक के राज्यपाल हैं। 77 साल के गहलोत राज्यसभा में सदन के नेता रह चुके हैं। साथ ही केंद्रीय मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं। भाजपा में वे सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य भी रहे हैं। जातीय समीकरण (दलित) में भी वे फिट बैठते हैं। वे मध्य प्रदेश से हैं। उनके पास प्रशासनिक अनुभव भी है।
ओम माथुर अभी सिक्किम के राज्यपाल हैं। 73 साल के माथुर पार्टी के कद्दावर नेता हैं और राजस्थान से आते हैं। वे गुजरात के चुनाव प्रभारी तब रहे हैं, जब पीएम मोदी वहां के मुख्यमंत्री थे। वे मोदी के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भी करीबी माने जाते हैं। माथुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रचारक रह चुके हैं।