By: Manohar pal
Nov 05, 20256:09 PM
पराठों पर घी, सब्जियों में तेल और शरीर पर सरसों की मालिश, ये सब संकेत देते हैं कि सर्दियों का मौसम आ गया है। जैसे ही सर्दियां दस्तक देती हैं, हमारे खाने-पीने की आदतों में भी बदलाव आने लगता है। ठंड के मौसम में शरीर को अतिरिक्त गर्मी और ऊर्जा की जरूरत होती है।
ऐसे में सही तेल का चुनाव करना बेहद जरूरी है। भारतीय रसोई में सबसे आम तीन तेल हैं, सरसों का तेल, मूंगफली का तेल और तिल का तेल। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि ठंड के मौसम में कौन सा तेल खाना सबसे सही है? सरसों, मूंगफली या तिल तीनों भारतीय रसोई के पुराने साथी हैं, पर इनका असर शरीर पर अलग-अलग होता है। आइए जानें किस तेल को चुनना है अपनी सेहत के हिसाब से।
अगर आप सर्दियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता और त्वचा की सेहत को को बेहतर रखना चाहते हैं, तो तिल का तेल सबसे अच्छा विकल्प है। वहीं, हृदय रोगियों के लिए सरसों का तेल ज्यादा फायदेमंद है। मूंगफली का तेल सामान्य कुकिंग के लिए अच्छा है। ऐसे में आप अपने शरीर और जरूरत के मुताबिक सर्दी में तेल का चयन करें।
सरसो का तेल
सरसों का तेल एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड और मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स होते हैं। सरसो तेल में विटामिन E और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो हृदय को स्वस्थ रखते हैं। सर्दियों में यह शरीर को गर्म रखता है और त्वचा की नमी बनाए रखता है। यह ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है।
सर्दियों की सेहत का पहरेदार
सरसों का तेल भारतीय घरों का परंपरागत तेल है। इसका उपयोग केवल खाना बनाने के लिए नहीं, बल्कि शरीर की मालिश और ठंड से बचाव के लिए भी किया जाता है।
सरसो के तेल के फायदे
सरसो के तेल से सावधानी
सरसों का तेल अगर ज़्यादा तापमान पर बार-बार गर्म किया जाए तो ट्रांस फैट्स बन सकते हैं, इसलिए इसे ताज़ा और सीमित मात्रा में ही इस्तेमाल करें।
मूंगफली का तेल
मूंगफली का तेल, जिसे “ग्राउंडनट ऑयल” कहा जाता है, सर्दियों में शरीर को एनर्जी देने वाला तेल है। इसमें विटामिन E, पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स, और प्लांट प्रोटीन मौजूद होते हैं। कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में मदद करता है। इसका स्मोक पॉइंट ज्यादा होता है, इसलिए डीप फ्राई के लिए बेहतरीन है। हालांकि, एलर्जी वाले लोगों को इसे सीमित मात्रा में ही इस्तेमाल करना चाहिए।
मूंगफली के तेल के फायदे
मूंगफली के तेल से सावधानी
जिन लोगों को मूंगफली से एलर्जी है, उन्हें इस तेल से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा, वजन घटाने वाले लोग इसे सीमित मात्रा में उपयोग करें।
तिल का तेल
तिल का तेल आयुर्वेद में “विंटर ऑइल” कहा जाता है। यह शरीर को अंदर से गर्म रखता है, जोड़ों के दर्द में राहत देता है और स्किन की नमी बनाए रखता है। इसमें कैल्शियम, आयरन, जिंक, मैग्नीशियम और विटामिन K पाया जाता है।
तिल के तेल के फायदे
तिल के तेल से सावधानी
इसका स्वाद थोड़ा स्ट्रॉन्ग होता है, इसलिए खाना बनाते समय इसे दूसरे तेल के साथ मिक्स करके इस्तेमाल किया जा सकता है।
कौन सा तेल सबसे अच्छा है?
दरअसल, कोई भी तेल सबसे अच्छा नहीं होता, यह आपके शरीर की जरूरत और मौसम पर निर्भर करता है। अगर आप हृदय रोगी हैं, या मालिश चाहते हैं तो सरसो के तेल का उपयोग करें। एनर्जी की जरूरत हो या कुछ फ्राइंग करना हो तो मूंगफली का तेल उपयोग में लाएं। ये कोलेस्ट्राॅल कंट्रोल में भी असरदार है। वहीं तीसरा तिल का तेल सर्दियों में जोड़ों के दर्द और ड्राय स्किन वालों के लिए असरदार है।