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AI की मदद से सुपरबग पर वार: भारतीय और फ्रांसीसी वैज्ञानिकों की बड़ी कामयाबी

IIIT-दिल्ली और फ्रांस के शोधकर्ताओं ने एक AI उपकरण विकसित किया है जो सुपरबग से लड़ने के लिए प्रभावी एंटीबायोटिक संयोजन पहचान सकता है। जानें इस तकनीक की पूरी जानकारी।

By: Yogesh Patel

May 22, 20259:53 PM

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AI की मदद से सुपरबग पर वार: भारतीय और फ्रांसीसी वैज्ञानिकों की बड़ी कामयाबी

नई दिल्ली, 22 मई 2025 – इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली (IIIT-Delhi) और फ्रांस के इन्रिया सैक्ले के शोधकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। दोनों संस्थानों की संयुक्त टीम ने एक ऐसा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित उपकरण विकसित किया है जो ‘सुपरबग’ से लड़ने में मददगार हो सकता है। इस उपकरण के जरिए मौजूदा एंटीबायोटिक दवाओं के प्रभावी संयोजनों की पहचान की जा सकती है, जो दवा-प्रतिरोधी संक्रमणों के उपचार में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

क्या है सुपरबग?

सुपरबग ऐसे बैक्टीरिया और फफूंद होते हैं जो आमतौर पर उपयोग की जाने वाली एंटीबायोटिक दवाओं का सामना करने की क्षमता विकसित कर लेते हैं। इनकी वजह से होने वाले संक्रमणों का इलाज कठिन हो जाता है। यह वैश्विक स्वास्थ्य संकट की श्रेणी में आते हैं, खासकर भारत जैसे देशों में जहां एंटीबायोटिक्स का अनियंत्रित उपयोग एक आम समस्या है।

AI उपकरण की विशेषताएं

यह परियोजना IIIT-दिल्ली के प्रोफेसर अंगशुल मजूमदार और फ्रांस की डॉ. एमिली चौजेनॉक्स के नेतृत्व में की गई। इसमें भारतीय कंपनी डीप लाइट और फ्रांसीसी इंजीनियरिंग स्कूल सेंट्रेलसुपेलेक के वैज्ञानिकों का भी सहयोग रहा। टीम में इंजीनियर स्तुति जैन, स्नातक शोधकर्ता कृति कुमार और सायंतिका चटर्जी शामिल हैं।

प्रो. मजूमदार ने कहा,

“यह इस बात का उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे एआई और अंतरराष्ट्रीय सहयोग वास्तविक दुनिया की चिकित्सा समस्याओं को हल कर सकते हैं। हमारी पद्धति मौजूदा वैज्ञानिक ज्ञान का अत्यधिक प्रभावी उपयोग करती है, जिससे रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) जैसी चुनौतियों से तेजी और सटीकता से निपटा जा सकता है।”

समस्या की जड़: एंटीबायोटिक्स का दुरुपयोग

प्रोफेसर मजूमदार ने बताया कि भारत जैसे देशों में अक्सर वायरल संक्रमणों में भी एंटीबायोटिक दवाएं ली जाती हैं, जिनकी कोई जरूरत नहीं होती। इससे समय के साथ बैक्टीरिया प्रतिरोधी बन जाते हैं और सामान्य संक्रमण भी खतरनाक हो जाते हैं।

AI कैसे करेगा मदद?

यह AI प्रणाली पारंपरिक नियम-आधारित मॉडल से कहीं अधिक उन्नत है। इसमें जीवाणु जीनोम डेटा और एंटीबायोटिक दवाओं की रासायनिक संरचना को मिलाकर इष्टतम दवा संयोजन सुझाए जाते हैं। यह चिकित्सकों को मरीजों के लिए अधिक सटीक और कारगर उपचार योजनाएं बनाने में मदद कर सकता है।

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