नासा ने घोषणा की है कि वह आईएसएस से एक्सियम-4 मिशनके प्रस्थान और पृथ्वी पर वापसी का सीधा प्रसारण करेगा। यह मिशन एक निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है, जिसमें भारत के शुभांशु समेत 4 अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। पृथ्वी वापसी के बाद यह यान कैलिफोर्निया तट के पास सागर में लैंड करेगा।
By: Arvind Mishra
Jul 12, 20253 hours ago
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
नासा ने घोषणा की है कि वह आईएसएस से एक्सियम-4 मिशनके प्रस्थान और पृथ्वी पर वापसी का सीधा प्रसारण करेगा। यह मिशन एक निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है, जिसमें भारत के शुभांशु समेत 4 अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। पृथ्वी वापसी के बाद यह यान कैलिफोर्निया तट के पास सागर में लैंड करेगा। दरअसल, भारत के अंतरिक्ष मिशन में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर स्थापित करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय हैं। एक सफल मिशन के बाद पृथ्वी पर लौटने की तैयारी कर रहे हैं। इस मिशन का नाम आकाश गंगा है। शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य चालक दल के सदस्य 25 जून को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से रवाना हुए थे। 26 जून को स्पेस स्टेशन पहुंचे। अगर उतरने के मौसम अनुकूल रहेगा तो पायलट शुभांशु द्वारा उड़ाया जा ड्रैगन कैप्सूल ग्रेस मंगलवार (15 जुलाई) को सुरक्षित पानी में लैंड होगा।
लैंडिंग 15 जुलाई 2025 को भारतीय समयानुसार शाम 3:00 बजे हो सकती है। शुभांशु और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का अलग होना 14 जुलाई को भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे होगा। इसके बाद कुछ धरती के ऊपर आॅर्बिट में कुछ मैन्युवर्स के बाद, स्पेसक्राफ्ट का कैलिफोर्निया, अमेरिका के तट के पास प्रशांत महासागर में लैंडिंग होगी।
इस मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। पेगी व्हिटसन, जो अमेरिका से हैं और एक्सियॉम स्पेस की मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक हैं। शुभांशु शुक्ला, भारत से हैं और इसरो के पहले अंतरिक्ष यात्री हैं। स्लावोस्ज उज्नान्स्की-विश्निव्स्की, पोलैंड से हैं और यूरोपीय स्पेस एजेंसी के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री हैं। टिबोर कापु, हंगरी से हैं और हंगेरियन टू आॅर्बिट प्रोग्राम के अंतरिक्ष यात्री हैं।
इसरो के फ्लाइट सर्जन मिशन के दौरान शुभांशु की सेहत और मनोवैज्ञानिक स्थितियों की निगरानी कर रहे हैं। वह अच्छे स्वास्थ्य और उच्च मनोबल में हैं। पानी में लैंडिंग के बाद, वह सात दिन के रीहैबिलिटेशन कार्यक्रम से गुजरेंगे, जो पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण में सामंजस्य बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।
ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट 580 पाउंड से ज्यादा सामान लेकर आएगा, जिसमें नासा का हार्डवेयर और 60 से ज्यादा प्रयोगों का डेटा शामिल होगा। ये प्रयोग माइक्रोग्रैविटी (कम गुरुत्वाकर्षण) में किए गए हैं, जो धरती पर नई तकनीकें और दवाइयां विकसित करने में मदद करेंगे। इससे आने वाले समय में आम लोगों को सजीवनी मिलेगी।
नासा का प्रसारण 14 जुलाई को सुबह 4:30 बजे (भारतीय समयानुसार करीब 1-1:30 बजे) से शुरू होगा, जब हेच (स्पेसक्राफ्ट का दरवाजा) बंद होगा। इसके बाद 4:55 बजे टीम स्पेसक्राफ्ट में प्रवेश करेगी और हेच बंद हो जाएगा। 6:45 बजे से अलग होने की कवरेज नासा+, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स के चैनल्स पर शुरू होगी। 7:05 बजे टीम अलग होगी। नासा का प्रसारण करीब 30 मिनट बाद खत्म होगा। इसके बाद एक्सिओम स्पेस स्पेसक्राफ्ट के पानी में लैंड करने का प्रसारण अपनी वेबसाइट पर दिखाएगा।