भोपाल मेट्रो का शुभारंभ हो गया है। जानें मेट्रो का किराया, टाइमिंग, ट्रिप की संख्या और आधुनिक सुविधाएं। 21 दिसंबर से आम यात्रियों के लिए सेवा शुरू।
By: Ajay Tiwari
Dec 20, 20256:58 PM
राजधानी भोपाल में लंबे इंतजार के बाद शनिवार को मेट्रो रेल सेवा की शुरुआत हो गई। कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंगल क्लिक के जरिए भोपाल मेट्रो का औपचारिक शुभारंभ किया।

उद्घाटन समारोह के बाद केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन पहुंचे, जहां मेट्रो को हरी झंडी दिखाई गई। दोनों नेता मेट्रो में सवार होकर एम्स मेट्रो स्टेशन तक गए। एम्स स्टेशन पर आयोजित स्वागत कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनता को संबोधित किया। इस मौके पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप, मंत्री विश्वास सारंग, राज्यमंत्री कृष्णा गौर, महापौर मालती राय सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
भोपाल मेट्रो के शुभारंभ को खास बनाने के लिए कॉरिडोर के सभी आठ मेट्रो स्टेशनों को आकर्षक फूलों से सजाया गया। आम यात्रियों के लिए मेट्रो सेवा रविवार, 21 दिसंबर से शुरू होगी। मेट्रो सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक संचालित रहेगी।
भोपाल मेट्रो में यात्रा के लिए पहले दिन से ही यात्रियों को पूरा किराया चुकाना होगा। जबकि इंदौर मेट्रो में शुरुआती दिनों में मुफ्त यात्रा और किराए में छूट दी गई थी, भोपाल में ऐसी कोई सुविधा नहीं दी गई है।
1 से 2 स्टेशन: ₹20
3 से 5 स्टेशन: ₹30
6 से 8 स्टेशन (एम्स से सुभाष नगर): ₹40
फिलहाल टिकट केवल मैनुअल काउंटर से ही मिलेंगे। ऑनलाइन टिकटिंग सुविधा अभी शुरू नहीं की गई है।
भोपाल मेट्रो एम्स से सुभाष नगर के बीच दोनों दिशाओं में कुल 17 ट्रिप लगाएगी। एम्स से सुभाष नगर 9 ट्रिप और सुभाष नगर से एम्स की ओर 8 ट्रिप संचालित होंगी। एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक पहुंचने में मात्र 3 से 4 मिनट का समय लगेगा। मेट्रो की अधिकतम गति 40 किमी प्रति घंटा होगी।
सभी मेट्रो स्टेशनों पर एस्केलेटर, लिफ्ट और रैंप की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। सुभाष नगर, डीबी मॉल और एमपी नगर मेट्रो स्टेशनों पर फुट ओवरब्रिज बनाए गए हैं। रानी कमलापति मेट्रो स्टेशन को फुट ओवरब्रिज के माध्यम से रेलवे स्टेशन से जोड़ा गया है।
भोपाल मेट्रो के शुरू होने से राजधानी में यातायात व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इससे सड़क पर वाहनों का दबाव कम होगा और लोगों को तेज, सुरक्षित व सुविधाजनक यात्रा का विकल्प मिलेगा।