भोपाल में शहरी विकास मंत्रियों की बैठक में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि बजट का समय पर उपयोग और केंद्र-राज्य समन्वय से ही 2047 तक विकसित भारत का सपना साकार होगा।
By: Ajay Tiwari
Dec 20, 20256:44 PM
भोपाल. स्टार समाचार वेब
केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि शहरों के विकास के लिए केंद्र सरकार से मिलने वाली बजट राशि का समयबद्ध और पूर्ण उपयोग किया जाना बेहद जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2047 तक विकसित और आत्मनिर्भर भारत की जो परिकल्पना की गई है, उसे तभी साकार किया जा सकता है जब केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर समन्वय के साथ कार्य करें।
वह शनिवार को भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित शहरी विकास मंत्रियों की क्षेत्रीय बैठक (उत्तरी एवं मध्य राज्य) को संबोधित कर रहे थे। बैठक में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री, राज्य मंत्री तथा केंद्र एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2025-26 के लिए तैयार की गई कार्य दिशा पुस्तिका का विमोचन भी किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत की शहरी आबादी कुल जनसंख्या का लगभग 50 प्रतिशत हो सकती है। ऐसे में शहरी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इसी उद्देश्य से शहरी कार्य मंत्रालय ने क्षेत्रवार राज्यों के साथ बैठकें आयोजित करने का निर्णय लिया है, क्योंकि प्रत्येक राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां और चुनौतियां अलग-अलग हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के लिए सहयोगी भूमिका निभाती है, लेकिन जमीनी स्तर पर ठोस प्रयास राज्यों को ही करने होंगे।
खट्टर ने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), अमृत योजना, स्वच्छ भारत मिशन और शहरी परिवहन व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित मकानों के समय पर आवंटन न होने पर चिंता जताई और राज्यों से जनता की वित्तीय सहभागिता सुनिश्चित करने के प्रयास तेज करने को कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘सबको आवास’ केंद्र सरकार की प्रमुख फ्लैगशिप योजना है और इसके सफल क्रियान्वयन के लिए निजी रियल एस्टेट क्षेत्र को भी प्रोत्साहित करना होगा।
मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि राज्य में नगरीय निकायों को आर्थिक और तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी के किनारे बसे शहरों में सीवरेज परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि नदी में गंदा पानी न जाए।
कार्यक्रम के दौरान नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा नागरिकों को दी जा रही ऑनलाइन सेवाओं पर आधारित एक वीडियो फिल्म का प्रदर्शन किया गया। फिल्म में जल संरक्षण, अर्बन लॉकर, व्हीकल फ्यूल मॉनिटरिंग सिस्टम और अन्य डिजिटल सेवाओं की जानकारी दी गई।
उद्घाटन सत्र के बाद विभिन्न राज्यों और केंद्र सरकार के अधिकारियों के बीच योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर बिंदुवार चर्चा हुई। बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत स्वीकृत 9 लाख 46 हजार आवासों में से 8 लाख 79 हजार आवासों का निर्माण पूरा हो चुका है। पूर्ण आवासों के आधार पर मध्यप्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के अंतर्गत 60 हजार आवासों को स्वीकृति दी जा चुकी है।
बैठक में प्रधानमंत्री ई-बस सेवा, मेट्रो परियोजनाओं के लिए डीपीआर निर्माण, अमृत योजना 3.0, स्वच्छ भारत मिशन, लीगेसी वेस्ट प्रबंधन और बायो-सीएनजी प्लांट स्थापना जैसे विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। केंद्र सरकार के अधिकारियों ने बताया कि मध्यप्रदेश में प्रस्तावित 9 सीएनजी प्लांट राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि साबित होंगे, जबकि इंदौर का बायो-सीएनजी प्लांट पहले ही देश में मिसाल बन चुका है।
बैठक में छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव, उत्तर प्रदेश के मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा, राजस्थान के मंत्री झाबर सिंह खर्रा, उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री श्री राकेश राठौर गुरुजी, राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।