CBSE 2026-27 से 11वीं-12वीं में STEM विषयों को दो स्तरों (बेसिक-एडवांस) पर लागू करेगा। यह बदलाव छात्रों की रुचि और करियर के हिसाब से शिक्षा को लचीला बनाएगा, NEP 2020 के अनुरूप।
By: Ajay Tiwari
Jul 23, 20253:32 AM
नई दिल्ली: स्टार समाचार वेब एज्युकेशन डेस्क
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने स्कूली शिक्षा को छात्रों की रुचि और भविष्य के करियर से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। अब 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स (STEM) विषयों को दो अलग-अलग स्तरों – बेसिक और एडवांस – में पेश करने की योजना है। यह महत्वपूर्ण बदलाव साल 2026-27 से लागू किया जा सकता है।
CBSE का यह निर्णय उन छात्रों के लिए काफी फायदेमंद होगा जो विज्ञान और गणित से जुड़े रहना तो चाहते हैं, लेकिन उनकी भविष्य की योजनाएं तकनीकी या रिसर्च क्षेत्रों में नहीं हैं। ऐसे छात्र अब इन विषयों को बेसिक स्तर पर आसानी से पढ़ सकेंगे। वहीं, जो छात्र इंजीनियरिंग, मेडिकल या रिसर्च जैसे क्षेत्रों में अपना करियर बनाना चाहते हैं, वे इन विषयों को एडवांस लेवल पर चुनकर गहराई से अध्ययन कर पाएंगे।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य छात्रों पर से अनावश्यक पढ़ाई का बोझ कम करना और उन्हें केवल उन्हीं विषयों पर ध्यान केंद्रित करने का विकल्प देना है जिनमें उनकी वास्तविक रुचि है या जो उनके करियर लक्ष्यों के लिए प्रासंगिक हैं। अब किसी भी छात्र को मजबूरी में कठिन विषय पढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी।
CBSE ने पहले भी इस तरह का एक सफल प्रयोग किया है। कक्षा 10वीं में गणित को स्टैंडर्ड और बेसिक दो स्तरों पर पेश किया गया था। जिन छात्रों को 11वीं-12वीं में गणित नहीं लेना था, उन्हें बेसिक स्तर चुनने का विकल्प दिया गया था। इस पहल को छात्रों और अभिभावकों दोनों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली थी। इसी सफलता को देखते हुए अब STEM विषयों पर भी यह मॉडल लागू किया जा रहा है।
CBSE की यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCFSE) के उद्देश्यों के अनुरूप है। इसका लक्ष्य छात्रों को उनकी सीखने की गति, व्यक्तिगत रुचि और करियर की आकांक्षाओं के अनुसार बेहतर विकल्प प्रदान करना है। इस बदलाव से छात्रों की पढ़ाई केवल डिग्री हासिल करने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उनके सपनों की मजबूत नींव रखने में मददगार साबित होगी।
इस योजना के लागू होने पर स्कूलों को भी अपनी तैयारी करनी होगी। उन्हें बेसिक और एडवांस लेवल की कक्षाएं अलग-अलग संचालित करनी होंगी। साथ ही, शिक्षकों को दोनों स्तरों पर प्रभावी ढंग से पढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि छात्रों को दोनों विकल्पों में समान रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
यह बदलाव पहले 11वीं कक्षा में लागू करने की योजना है, लेकिन इसकी अंतिम शुरुआत NCERT की नई किताबों की उपलब्धता पर निर्भर करेगी। NCERT ने पहले ही कक्षा 1 से 7 तक की कुछ नई किताबें जारी कर दी हैं, और 9वीं व 11वीं के लिए किताबें इस साल के अंत तक तैयार होने की उम्मीद है।