सतना जिला अस्पताल में वायरल अटैक और आभा आईडी अनिवार्यता के चलते ओपीडी, पैथोलॉजी और दवा काउंटर पर भारी भीड़ देखने को मिली। मरीजों को गर्मी-उमस में घंटों कतारों में खड़ा रहना पड़ा। बच्चों में वायरल फीवर और भर्ती की स्थिति बढ़ रही है।
By: Star News
Aug 21, 2025just now
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
वायरल अटैक के चलते जिला अस्पताल में बुधवार को फिर मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी। ओपीडी, दवाइयां, एक्सरे और पैथोलाजी में भारी संख्या की भीड़ में लोग अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। लोगों का गर्मी और उमस से बुरा हाल था। जिला अस्पताल की नई ओपीडी में बच्चों की ओपीडी और मेडिसिन ओपीडी में मरीजों की लाइन ऐसी देखने को मिली कि नई ओपीडी के बाहर तक मरीज खड़े नजर आए। उधर दूसरी तरफ नैदानिक केंद्र में खुले आभा आईडी काउंटर में आभा आईडी बनवाने वालों की भीड़ नजर आई। गौरतलब है कि भर्ती मरीजों और ओपीडी मरीजों को पैथोलॉजी जांच के लिए आभा आईडी बनवाना अनिवार्य कर दिया गया है। बिना इसके पंजीयन के मरीजों की जांचे नहीं की जाएंगी।
बच्चों में वायरल अटैक की मार
बुधवार को सबसे ज्यादा भीड़ पीडियाट्रिक ओपीडी में देखने को मिली। चिकित्सकों के मुताबिक दिनभर में चाइल्ड ओपीडी 250 के पार रही वहीं मेडिसिन ओपीडी 400 के पार रही। सभी बच्चों में वायरल फीवर की समस्या देखने को मिली। बुधवार को चेकअप कराने आए अधिकतर गंभीर मरीजों को भर्ती की सलाह दी गई।
नैदानिक के बाहर मरीजों की भीड़
बुधवार को नैदानिक केंद्र में खुले आभा आईडी के विंडो काउंटर के बाहर खासा भीड़ देखने को मिली। प्रबंधन ने बताया कि अभी तक भर्ती मरीजों का आभा आईडी पंजीयन कर जांच की जाती थी, लेकिन अब जिला अस्पताल आए ओपीडी मरीजों के लिए भी आभा आईडी अनिवार्य कर दिया गया है, जिसके चलते बुधवार को भीड़ देखने को मिली। बताया गया कि इस विंडो काउंटर में दो आॅपरेटरों की नियुक्ति की गई है जो मरीजों का आभा पंजीयन करेंगे। बुधवार को 250 के पार आभा आईडी जनरेट की गई। इसके बाद उन पंजीकृत मरीजों की पैथोलोजिकल जांच की गई। बताया गया कि नवजात बच्चों के आधार न बने होने के कारण और कई एमर्जेन्सी केस में बिना आभा आईडी के भी पैथोलोजिकल जांच कराइ जा रही है।