मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 'सदानीरा समागम' के उद्घाटन समारोह में सिंहस्थ 2028 के लिए मध्य प्रदेश सरकार की भव्य तैयारियों को भी रेखांकित किया।
By: Star News
Jun 21, 202511:56 AM
भोपाल स्टार समाचार वेब
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 'सदानीरा समागम' के उद्घाटन समारोह में सिंहस्थ 2028 के लिए मध्य प्रदेश सरकार की भव्य तैयारियों को भी रेखांकित किया। उन्होंने घोषणा की कि क्षिप्रा नदी के दोनों तटों पर 15 किलोमीटर लंबे घाटों का निर्माण किया जाएगा, जिससे आगामी सिंहस्थ में एक साथ पाँच करोड़ श्रद्धालु पवित्र स्नान कर सकेंगे।
सदानीरा का आगाज करते हुए सीएम डॉ मोहन यादव ने क्या कहा..
'सदानीरा' पर बने एक वृत्तचित्र का लोकार्पण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर वीर भारत न्यास द्वारा प्रकाशित कई पुस्तकों का विमोचन किया और 'सदानीरा' पर बनी एक वृत्तचित्र का लोकार्पण भी किया। उन्होंने मध्य प्रदेश की अद्वितीय जल संपदा का गुणगान करते हुए कहा कि जहाँ भारत की अधिकांश नदियाँ हिमनदों से उत्पन्न होती हैं, वहीं मध्य प्रदेश की नदियाँ वनों और पर्वतों से जन्म लेकर विशाल स्वरूप धारण करती हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि जल केवल जीवन का आधार नहीं, अपितु भारतीय संस्कृति का मूल मंत्र भी है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे 'जल गंगा संवर्धन अभियान' के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं, जिसमें खंडवा जिले ने भारत सरकार के सर्वेक्षण में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त कर प्रदेश को गौरवान्वित किया है।
संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव, शिवशेखर शुक्ला ने 'सदानीरा समागम' को देश का अपनी तरह का पहला आयोजन बताया, जो नदियों, जल स्रोतों और जल संरचनाओं के संरक्षण एवं संवर्धन पर केंद्रित है। इस समागम में साहित्य, कला, विज्ञान सहित विभिन्न क्षेत्रों के 200 से अधिक वैज्ञानिक, पुरातत्वविद्, लेखक, पत्रकार, अभिनेता और नाट्यकर्मी भाग ले रहे हैं। शुक्ला ने मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता की सराहना करते हुए कहा कि यह अभियान मात्र प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन तक सीमित न रहकर एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण का माध्यम भी बना है।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार और वीर भारत न्यास के न्यासी सचिव, श्रीराम तिवारी ने सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, भोपाल विधायक भगवानदास सबनानी, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश को नदियों का मायका कहा जाता है। प्रदेश में नर्मदा, क्षिप्रा, चंबल, ताप्ती, बेतवा, सोन समेत करीब 1000 नदियाँ बहती हैं। इनमें 50 किलोमीटर से अधिक लंबाई की करीब 260 नदियाँ हैं, जबकि 10 किलोमीटर या उससे अधिक लंबाई वाली लगभग 750 नदियाँ हैं। लाखों जल संरचनाएँ प्रदेश की जल शक्ति को सहेज रही हैं।