श्याम शाह मेडिकल कॉलेज रीवा की कार्यकारिणी बैठक में डीएमई डॉ. अरुणा कुमार ऑनलाइन जुड़ीं और एजेंडों की अधिकता पर नाराजगी जताई। जिस एजेंडे ने पूर्व डीन व अधीक्षक की कुर्सी छीनी थी, उसे चर्चा से बाहर रखा गया।
By: Star News
Jul 23, 20256 hours ago
हाइलाइट्स
रीवा, स्टार समाचार वेब
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज की कार्यकारणी की बैठक में डीएमई डॉ अरुणा कुमार शामिल हुईं। एजेंडा अधिक होने पर नाराजगी जताई। तीन एजेंडों पर चर्चा नहीं हो पाई। सीटी स्केन और एमआरआई मशीन की जांच के रेट भी तय नहीं हो पाए। सिर्फ एक कॉलेज के रेट को आधार बनाकर रखा गया था। दो और कॉलेजों के रेट लेने के डीएमई ने निर्देश दिए। कार्यकारिणी की बैठक में सबसे बड़ी बात यह रही कि जिस मामले ने पूर्व डीन और अधीक्षक की कुर्सी छींन ली थी। उसी एजेंडे को चर्चा से गायब कर दिया गया।
ज्ञात हो कि डीएमई बनने के बाद श्याम शाह मेडिकल कॉलेज की श्वसासी समिति की कार्यकारिणी की बैठक में पहली बार डीएमई वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुर्इं। बैठक में 22 एजेंडे चर्चा के लिए रखे गए थे। सभी एजेंडों पर चर्चा भी नहीं हो पाई। विभागों में इक्यूपमेंट खरीदी को हरी झंडी दी गई। इसके अलावा दो जांच के रेट का एजेंडा रखा गया था। उसकी भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इसके अलावा कुछ पदों पर भी स्वीकृति प्रदान की गई है। 10 नए टेक्नीशियन की स्वीकृति के बाद नियुक्ति की जा सकेगी। एमआरआई और सीटी स्केन मशीन इंस्टाल होने के बाद इन्हें चलाने के लिए टेक्नीशियन नहीं थे। स्वीकृति मिलने के बाद मशीन को चलाने वाले कर्मचारी मिल पाएंगे। डीएमई ने अधिक एजेंडे बैठक में रखने पर आपत्ति भी जताई।
जेआर, एसआर एक साल ही दे सकेंगे सेवा
बैठक में डीएमई ने स्पष्ट कर दिया कि अब जेआर और एस आर सिर्फ एक साल ही सेवाएं दे पाएंगे। इसके बाद उन्हें अस्पताल से जाना होगा। यदि कोई विशेष परिस्थिति नहीं बनती तो उनकी सेवा अवधि नहीं बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा 10 दिन के अंदर मेडिकल कॉलेज की भूमि का सीमांकन कराने के भी निर्देश दिए गए।
इन एजेंडों पर नहीं हुई चर्चा
ईसी की बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा ही नहीं हुई। बैठक में सीटीवीएस विभाग में 90 लाख रुपए के इक्यूपमेंट खरीदने का एजेडा रखा गया था। कॉलेज में छात्रों और डॉक्टरों को योग कराने के लिए योग प्रशिक्षक रखने का एजेंडा रखा गया था। इस पर भी चर्चा नहीं हो पाई। इसके अलावा संजय गांधी अस्पताल की मशीनों का मेंटीनेंस हाइट्स करती है। 2018 में मेंटीनेंस एप्रूव्हल नहीं लिया गया था। यह एजेंडा भी रखा गया था। इस पर भी चर्चा नहीं हो पाई।
जिसमें गई थी डीन की कुर्सी वह एजेंडा ही गायब कर दिए
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज की कार्यकारिणी की बैठक से एक बड़ा एजेंडा ही गायब कर दिया गया। इस एजेंडे से तत्कालीन डीन डॉ देवेश सारस्वत और अधीक्षक डॉ अवतार सिंह की कुर्सी हिल गई थी। दोनों को हटा दिया गया था। विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष गिरीश गौतम के एक परिचित को सिफारिश के बाद भी इलाज नहीं मिला। उसे प्राइवेट अस्पताल में भेज दिया गया था। इसी मामले में विभागाध्यक्ष और एक महिला चिकित्सक के खिलाफ भोपाल से जांच बैठा दी गई थी। भोपाल से भी जांच करने टीम आई थी। टीम ने मामले में दोनों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव दिया था। विभागाध्यक्ष दो वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिए थे। वहीं डॉक्टर के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं की गई। अब इस एजेंडे को ही धीरे धीरे हटाया जा रहा है। डीएमर्ई तरुण पिथौड़े ने डा को नौकरी से बाहर करने के ही आदेश दे दिए थे।
पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर के बैठते ही कुर्सी टूट गई
कार्यकारिणी की बैठक के दौरान सभी चिकित्सक मौजूद थे। इसके अलावा निर्माण एजेंसियों के इंजीनियर को भी बुलाया गया था। पीडब्लूडी के इंजीनियर भी पहुंचे थे। बैठने के लिए चेयर लगी थी। जैसे ही इंजीनियर कुर्सी पर बैठे वैसे ही वह टूट गई और इंजीनियर नीचे आ गिरे। इसके बाद दूसरी कुर्सी लगाई गई।
एमआरआई और सीटी स्केन के लिए 10 पद स्वीकृत
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में एमआरआई और संजय गांधी अस्पताल में सीटी स्केन मशीन इंस्टाल की जा रही है। इसे चलाने के लिए फिलहाल किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति नहीं की गई थी। टेक्नीशियन की नियुक्ति का भी एजेंडा रखा गया। इसमें सीटी स्केन के लिए 5 और एमआरआई के लिए 5 पदों पर टेक्नीशियन की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी गई है। फिलहाल दोनों ही मशीनों को चलाने के लिए सुपर और संजय गांधी अस्पताल में कर्मचारी नहीं हैं।
एजेंडों पर डीएमई ने जताई नाराजगी
डीएमई कार्यकारिणी की बैठक में आनलाइन जुड़ी थी। सभी एजेंडों पर चर्चा की गई। इस दौरान डीएमई ने नाराजगी भी जताई। उन्होंने कहा कि बैठक में कम एजेंडे रखे जाएं। इतने एजेंडों के लिए उनके पास समय नहीं है। बिना पूछे ही इतने सारे एजेंडे रख लिए गए । उन्होंने कहा कि उनके पास सिर्फ यही काम नहीं है। आगामी बैठक में इस बात का ध्यान देने के लिए कहा गया।