मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट बैठक में बड़वाह-धामनोद 4-लेन मार्ग, आंगनवाड़ी पोषण 2.0 और जबलपुर विधि विश्वविद्यालय के लिए करोड़ों की राशि स्वीकृत की गई। पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें।
By: Star News
Dec 22, 20256:36 PM
भोपाल: स्टार समाचार वेब
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रालय में मंत्रिपरिषद की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर, महिला-बाल विकास, शिक्षा और कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई।
कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि कैबिनेट ने प्रदेश की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए बड़वाह-धामनोद 4-लेन मार्ग (62.795 किमी) के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) के तहत बनने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए 2,508 करोड़ 21 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इस परियोजना में 10 बायपास, 5 बड़े पुल, 23 मध्यम पुल और 12 VUP/SVUP बनाए जाएंगे। निर्माण लागत का 40% हिस्सा सड़क विकास निगम वहन करेगा, जबकि शेष 60% राशि आगामी 15 वर्षों में एन्युटी के रूप में दी जाएगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना की निरंतरता को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। अब यह योजना वर्ष 2026-27 से 2030-31 तक (16वें वित्त आयोग की अवधि) जारी रहेगी। इस योजना के तहत प्रदेश के 55 जिलों के 97,882 आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से पूरक पोषण आहार, शाला पूर्व शिक्षा और किशोरी बालिकाओं के लिए कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे।
शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने मध्य प्रदेश धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जबलपुर के द्वितीय चरण के निर्माण हेतु 197 करोड़ 13 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं। इस राशि से विश्वविद्यालय परिसर में एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक, एकेडमिक ब्लॉक, कुलगुरु आवास और स्टाफ क्वार्टर्स का निर्माण किया जाएगा। वर्तमान में यहाँ 720 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जबकि कुल स्वीकृत क्षमता 1,272 सीटों की है।
कृषि और मौसम विज्ञान को आधुनिक बनाने के लिए मंत्रिपरिषद ने WINDS (वेदर इंर्फोमेशन नेटवर्क एंड डाटा सिस्टम) कार्यक्रम को मंजूरी दी है। इसके लिए 434 करोड़ 58 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। योजना में प्रत्येक तहसील स्तर पर स्वचालित मौसम केंद्र (Weather Station) स्थापित होंगे। प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर स्वचालित रेनगेज (Rain Gauge) लगाए जाएंगे। इससे प्राप्त सटीक आंकड़ों से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन आसान होगा और किसानों को मौसम की सही जानकारी मिल सकेगी।