NSO के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था ने जुलाई-सितंबर तिमाही में 8% की मजबूत GDP वृद्धि दर्ज की। विनिर्माण (9.1%), कंस्ट्रक्शन (7.2%), और वित्त व रियल एस्टेट (10.2%) ने नेतृत्व किया, जबकि कृषि क्षेत्र धीमा रहा।
By: Ajay Tiwari
Nov 28, 20254:57 PM
बिजनेस डेस्क. नई दिल्ली
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था ने जुलाई-सितंबर तिमाही में मजबूत 8% की जीडीपी वृद्धि दर दर्ज की है। इस प्रभावशाली वृद्धि का नेतृत्व मुख्य रूप से विनिर्माण (Manufacturing), बुनियादी ढांचा (Infrastructure) और सशक्त सेवा क्षेत्रों ने किया है। स्थिर मूल्यों पर जीडीपी 48.63 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 44.94 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। नॉमिनल (साधारण) जीडीपी 8.7\% बढ़कर 85.25 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
डेटा से पता चलता है कि विनिर्माण क्षेत्र में 9.1\% निर्माण (Construction) में 7.2\% और व्यापक माध्यमिक (Secondary) क्षेत्रों में 8.1\% की वृद्धि दर्ज की गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था का सेवा क्षेत्र सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला रहा, जिसमें तृतीयक क्षेत्र ने 9.2\% की वृद्धि दर्ज की। इस वृद्धि को विशेष रूप से वित्त, रियल एस्टेट और अन्य व्यावसायिक सेवाओं में 10.2\% की मजबूत वृद्धि से बल मिला।
निजी उपभोग (Private Consumption) में भी अच्छी तेजी देखने को मिली है; रियल प्राइवेट फाइनल कंजम्पशन एक्सपेंडिचर (PFCE) 7.9\% की दर से बढ़ा, जो पिछले वर्ष के 6.4\% से अधिक है और यह असामान्य मानसून के बावजूद स्थिर मांग को दर्शाता है। हालांकि, कृषि क्षेत्र 3.5\% की कम वृद्धि के साथ कुछ पीछे रहा, जबकि बिजली, गैस और जल आपूर्ति जैसी उपयोगिताओं में भी सिर्फ 4.4\% की वृद्धि दर्ज की गई।
कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8\% रही, जो पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही के 6.1\% से काफी अधिक है। इस तिमाही में वास्तविक जीवीए (GVA) वृद्धि 8.1\% रही, जिसे प्रमुख उद्योगों में व्यापक विस्तार का समर्थन मिला है।