रीवा के संजय गांधी अस्पताल सहित विंध्य क्षेत्र के प्रमुख अस्पतालों में पीएसए यूनिट वर्षों से बंद पड़ी है। मरीजों को केवल लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) से सप्लाई दी जा रही है, जिस पर हर माह लगभग 20 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। जबकि पीएसए प्लांट चालू होने पर खर्च पांच लाख से भी कम आता।
By: Yogesh Patel
Aug 27, 20252 hours ago
हाइलाइट्स
रीवा, स्टार समाचार वेब
एसएस मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित विंध्य के सबसे बड़े संजय गांधी अस्पताल में लगा पीएसए (प्रेशर स्विंग एडसोर्प्शन) प्लांट वर्षों से बंद पड़ा हुआ है। जबकि इस प्लांट से प्रति दिन करीब 1500 एलपीएम ऑक्सीजन का उत्पादन किया जाता था। ऐसे में संजय गांधी, गांधी मेमोरिय अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती मरीजों को एलएमओ (लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन) से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। इसके लिये मेडिकल कॉलेज को हर माह करीब 20 लाख रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। जबकि पीएसए प्लांट शुरू होने पर यह खर्च 5 लाख से भी कम हो सकता है।
जानकारी के अनुसार संजय गांधी अस्पताल को मॉडल अस्पताल के रूप में बनाया गया था। यही वजह है कि यहां पर शुरू में ही पीएसए प्लांट लगाया गया था। जिससे प्रतिदिन ऑक्सीजन का उत्पादन किया जाता था। यह प्लांट हवा से ऑक्सीजन बनाता था। जिसका उपयोग मरीजों के लिये किया जाता था। लेकिन रख-रखाव के अभाव में यह प्लांट बंद हो गया। इसके बाद वर्ष 2021 में कोविड-19 के दौरान ऑक्सीजन के लिये मचे हाहाकार के दौरान मेंटीनेंस करा कर शुरू कराया गया था। कुछ माह बाद एलएमओ यानी लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक स्थापित हो गये। जिसके चलते एक बार फिर चिकित्सा अधिकारियों ने इस ओर ध्यान देना बंद कर दिया। ऐसे में यह प्लांट तब से ही बंद पड़ा है। अब संजय गांधी, गांधी मेमोरियल और सुपर स्पेशलिटी में भर्ती मरीजों के लिये हर माह औसतन 20 लाख रुपये कि लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन खरीदना पड़ रहा है। इसके अलावा लाखों रुपये प्रति माह मेंटीनेंस में भी खर्च किये जा रहे हैं।
टैंक का हर माह 2 लाख रुपए किराया
संजय गांधी और सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में स्थापित लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक का किराया भी देना पड़ रहा है। यह टैंक आईनाक्स कंपनी के द्वारा वर्ष 2020 में लगाये गये हैं। इसके लिये 2 लाख 700 रुपये प्रति माह भुगतान कंपनी को किया जा रहा है। ऐसे में साल के 24 लाख 14 हजार रुपये अतिरिक्त खर्च हो रहे हैं। हालांकि इस राशि के अंतर्गत टैंक का मेंटीनेंस कंपनी को ही करना पड़ता है। आईनाक्स कंपनी बाम्बे की है, जिसका मध्य प्रदेश में हेड ऑफिस भोपाल में संचालित है। यहीं से रीवा में एलएमओ की सप्लाई दी जाती है।
1213 बेड में ऑक्सीजन सप्लाई
श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय से संबंद्ध संजय गांधी, गांधी मेमोरियल और सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में कुल 1550 बेड हैं, जहां मरीजों को भर्ती किया जाता है। इनमें से एसजीएमएच के 733, जीएमएच के 250 और एसएसबी के 230 बेड कुल 1213 बेड सेंट्रल ऑक्सीजन से जुड़े हुये हैं। इन बेडों में 24 घंटे ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था है।
पीएसए प्लांट के मेंटीनेंस में ज्यादा खर्च होते थे। मशीनरी भी पुरानी हो चुकी है। ऐसे में उसका मेंटीनेंस मुश्किल होता था। अब संजय गांधी, गांधी मेमोरियल और सुपर स्पेशलिटी में एलएमओ प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है। इन अस्पतालों के 1 हजार 213 बेड ऑक्सीजन से कवर हैं।
डॉ. राहुल मिश्रा, अधीक्षक, एसजीएमएच रीवा