बिहार के पूर्णिया में दिल दहला देने वाला मामला। 'डायन' होने के आरोप में एक ही परिवार के 5 सदस्यों को पीटकर जिंदा जलाया गया। जानें क्या है पूरा मामला और पुलिस कार्रवाई। अंधविश्वास की भयावह सच्चाई।
By: Star News
Jul 07, 20254 hours ago
पूर्णिया, बिहार.स्टार समाचार वेब
पूर्णिया जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत राजीगंज पंचायत के टेटगामा वार्ड-10 से एक बेहद दिल दहला देने वाली और अमानवीय घटना सामने आई है। यहां 'डायन' होने का आरोप लगाकर गांव के ही एक परिवार के पांच सदस्यों को पीट-पीटकर और पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जला दिया गया। इस वीभत्स वारदात में तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं। घटना के बाद पूरे गांव में गहरा मातम पसर गया है और पुलिस-प्रशासनिक महकमा हाई अलर्ट पर है।
जानकारी के अनुसार, गांव के कुछ लोगों को सीता देवी (48 वर्ष) पर 'डायन' होने का संदेह था। रविवार रात को गांव के मुखिया (जिसे स्थानीय भाषा में 'मर्रर' कहा जाता है) नकुल उरांव की अगुवाई में लगभग 200 ग्रामीणों की एक 'पंचायत' बुलाई गई। इस तथाकथित पंचायत में सीता देवी, उनके पति बाबूलाल उरांव (50 वर्ष), सास कातो देवी (65 वर्ष), बेटे मंजीत उरांव (25 वर्ष) और बहू रानी देवी (23 वर्ष) को बुलाया गया।
पंचायत में इन सभी को 'डायन' बताते हुए एक तालिबानी फरमान सुनाया गया। इसके बाद, भीड़ ने सभी पांचों को लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। जब वे अधमरी हालत में हो गए, तो उन पर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा आग लगा दी गई। यह अमानवीय घटना मृतकों के पुत्र सोनू कुमार की आँखों के सामने घटित हुई। किसी तरह सोनू अपनी जान बचाकर वहां से भागने में सफल रहा और उसने तत्काल पुलिस को सूचना दी।
घटना की जानकारी मिलते ही मुफस्सिल थाना पुलिस के साथ-साथ आसपास के तीन अन्य थानों की पुलिस टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गईं। पूर्णिया की एसपी स्वीटी सहरावत, एएसपी आलोक रंजन और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच शुरू कर दी।
अब तक दो शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि शेष तीन शवों की तलाश लगातार जारी है। पुलिस ने इस जघन्य अपराध में शामिल मुख्य आरोपी गांव के मुखिया नकुल उरांव और एक ट्रैक्टर चालक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस प्रशासन लगातार तलाशी अभियान चला रहा है ताकि शेष शवों को भी बरामद किया जा सके और घटना में शामिल अन्य आरोपियों को भी जल्द से जल्द पकड़कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जा सके।
उत्तम कुमार, थानाध्यक्ष मुफस्सिल