भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन पर भारतीय रेलवे की विरासत का प्रतीक, ऐतिहासिक नैरो गेज इंजन NG LOCO नं. 514 स्थापित किया गया है। जानें इस 22 टन वजनी इंजन का इतिहास और महत्व।
By: Ajay Tiwari
Aug 03, 2025just now
भोपाल. स्टार समाचार वेब.
रानी कमलापति स्टेशन पर अब भारतीय रेलवे की गौरवशाली धरोहर को यात्री देख सकेंगे। पश्चिम मध्य रेलवे ने स्टेशन के मुख्य द्वार पर नैरो गेज का ऐतिहासिक इंजन NG LOCO नं. 514 (ZDM5) स्थापित किया है। यह इंजन करीब तीन दशक तक 762 मिमी की पटरियों पर दौड़ा था।
यह पहल रेलवे की तकनीकी विरासत को संजोने और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए की गई है। मंडल रेल प्रबंधक देवाशीष त्रिपाठी के मार्गदर्शन में यह 22 टन वजनी इंजन धौलपुर से भोपाल लाया गया। इसे रेलवे बोर्ड ने 3 नवंबर 2023 को 'हेरिटेज एसेट' का दर्जा दिया था। अब यह इंजन यात्रियों के लिए भारतीय रेलवे के विकास की कहानी का एक सजीव दस्तावेज बन गया है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया कि 22 टन वजनी यह इंजन 3 जून 1991 को धौलपुर से अपनी परिचालन यात्रा पर निकला था और करीब तीन दशक तक नैरो गेज (762 मिमी) पटरियों पर दौड़ता रहा। इसकी अंतिम नियमित यात्रा 1 अप्रैल 2019 को टंटपुर-मथुरा खंड में हुई थी। इसके बाद 30 मार्च 2023 को अंतिम बार तकनीकी परीक्षण के रूप में इंजन को चलाया गया और 1 अप्रैल 2023 को औपचारिक रूप से इसे सेवामुक्त किया गया। डीजल वैक्यूम प्रणाली पर आधारित इस लोकोमोटिव का अनुरक्षण उत्तर मध्य रेलवे के धौलपुर डीजल लोको शेड द्वारा किया जाता था।
रेलवे बोर्ड ने 3 नवंबर 2023 को इसे ‘हेरिटेज एसेट’ का दर्जा प्रदान किया। इस इंजन को 23 जुलाई 2025 को धौलपुर से भोपाल लाया गया और अब यह रानी कमलापति स्टेशन के प्रवेश द्वार पर स्थायी रूप से प्रदर्शित किया गया है। यह यात्रियों के लिए न केवल देखने लायक विरासत है, बल्कि भारतीय रेलवे के विकास की कहानी को समझने का एक सजीव दस्तावेज भी है।