रीवा में शारदीय नवरात्र की तैयारियाँ पूरी हो गई हैं। शहर के 500 से अधिक पंडालों में दुर्गा प्रतिमाएं सज गई हैं और माता मंदिरों को आकर्षक लाइटिंग से रोशन किया गया है। इस वर्ष नवरात्र 10 दिन तक मनाया जाएगा। रानी तालाब और अन्य मंदिरों में सुरक्षा व व्यवस्थाओं का विशेष इंतजाम किया गया है।
By: Yogesh Patel
Sep 22, 2025just now
हाइलाइट्स
रीवा, स्टार समाचार वेब
शारदेय नवरात्र को लेकर दुर्गा उत्सव की तैयारी करीब-करीब पूरी हो चुकी हैं। शहर में 500 से अधिक पंडाल सजाये गये हैं, जहां दुर्गा प्रतिमाओं का पहुंचना शुरू हो गया है। सोमवार को शुभ मूहुर्त में घट स्थापना होगी। मां शैलपुत्री की पूजा के साथ नवरात्र आरंभ हो जायेगा। माता मंदिरों को भी विशेष लाइटिंग से सजाया गया है। चारो तरफ नवरात्र की धूम दिखाई दे रही है।
मूर्तिकारों ने दुर्गा प्रतिमाओं को अंतिम स्वरूप प्रदान कर सजा-संवार कर तैयार कर दिया है। जबलपुर, कोलकता से आये कारीगर पिछले तीन महीने से नगर के विभिन्न स्थलों पर डेरा डाले हुये हंै। यहां से शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी दुर्गा प्रतिमाओं को ले जााया जा रहा है। रविवार की शाम से ही भक्त ढोल नगाड़ो व डीजे के साथ दुर्गा प्रतिमाओं को ले जाते हुये नजर आये। देर रात तक यह सिलसिला चलता रहा। चारो तरफ केवल नवरात्रि की धूम दिखाई दे रही है। शहर के रानी तालाब काली मंदिर और समान तिराहा स्थित फूलमति माता मंदिर को आकर्षक लाइटों से सजाया गया है। यहां पर नवरात्र में मेला भरेगा।
इस बार दस दिन का होगा नवरात्र
9 साल बाद इस बार तृतीया तिथि की वृद्धि होने से माता की आराधना एक दिन ज्यादा होगी। यानी नवरात्र 10 दिन के होंगे। विजयादशमी पर्व 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 2016 में भी द्वितीया तिथि की वृद्धि होने के कारण ऐसा ही संयोग बना था। तब नवरात्र 1 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक मनाए गए थे। इस वर्ष तृतीया तिथि 2 दिन रहने से नवरात्र 10 दिन रहेंगे।
हर दिन का अलग महत्व
मां दुर्गा का आगमन हाथी की सवारी पर होगा। यह समृद्धि, संतुलन और शांति का संकेत है। प्रस्थान के समय मां नाव पर सवार होंगी, जो नए मार्ग, उत्साह और जनजीवन में उत्सव का प्रतीक है। यह पर्व मां दुर्गा के नौ स्वरूप-शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की भक्ति का है। प्रत्येक दिन का महत्व है, जो जीवन में उद्धार, शक्ति, बुद्धि आनंद और साधना की ओर ले जाता है। इस शुभ समय में कलश स्थापना करने से मां दुर्गा की कृपा और सुख-शांति का विशेष अनुभव माना गया है।
यह है शुभ मूहुर्त
शारदीय नवरात्रि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होते हैं। इस बार प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर की देर रात 01:23 बजे से शुरू होगी और 23 सितंबर की रात 02:55 बजे तक रहेगी। घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:09 से 8:06 बजे तक रहेगा। वहीं, कलश स्थापना के लिए शुभ-उत्तम मुहूर्त सुबह 9:11 से सुबह 10:43 तक है। इसके अलावा घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:49 से दोपहर 12:38 बजे तक रहेगा।
रानी तालाब मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने पुलिस अधीक्षक तथा जिला सेनानी होमगार्ड्स को मां काली मंदिर रानी तालाब मंदिर में सुरक्षा की समुचित व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा है कि मंदिर में 22 सितम्बर से आरंभ हो रही नवरात्रि में विशाल मेला आयोजित किया जाता है। यह मेला दो अक्टूबर तक जारी रहेगा। मेले में भोर से ही माता को जल चढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं तथा अन्य भक्त पहुंचते हैं। मेला परिसर में वाहनों की पार्किंग और यातायात प्रबंधन के साथ पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात कर सुरक्षा की समुचित व्यवस्था करें। दुर्घटना से बचाव के लिए गोताखोर एवं अन्य जवान भी तैनात करें।