रीवा जिले के 18 सरकारी कॉलेजों में इस साल प्रवेश की स्थिति बेहद खराब है। कुल 27,445 सीटों में से अब तक सिर्फ 13,587 भरी गई हैं, यानी 14,000 से ज्यादा सीटें खाली हैं। कई नए खुले कॉलेजों में हालात और भी बुरे हैं—बैकुंठपुर में 1260 सीटों में सिर्फ 41 प्रवेश हुए हैं। गर्ल्स डिग्री कॉलेज, जो कभी सबसे ज्यादा लोकप्रिय था, वहां भी 50% से कम एडमिशन हुआ है। उच्च शिक्षा विभाग हर दूसरे दिन CLC राउंड चला रहा है, लेकिन छात्र नहीं मिल रहे।
By: Star News
Aug 08, 2025just now
हाइलाइट्स:
रीवा, स्टार समाचार वेब
सरकारी कॉलेजों में पढ़ने के लिए छात्रों का टोटा पड़ गया है। कई कॉलेज बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। ताला लगाने की नौबत आ गई है। बैकुंठपुर कॉलेज खुला लेकिन छात्र नहीं जुटा पाया। एडमिशन क्लोज होने वाला है और एडमिशन सिर्फ 3 फीसदी ही हुआ है। टीआरएस कॉलेज, आदर्श विज्ञान महाविद्यालय की रीवा में अच्छी पॉजीशन पर हैं। 50 फीसदी से अधिक एडमिशन हुआ है। इस मर्तबा जीडीसी की भी हालत खराब है। यहां एडमिशन के लिए मारामारी मची रहती थी लेकिन इस बार छात्राओं ने भी बायपास कर दिया है। 30 फीसदी से भी कम एडमिशन हुआ है। कॉलेजों में छात्रों की घटती संख्या ने प्रबंधन की नींद उड़ा दी है।
ज्ञात हो कि रीवा के सरकारी कॉलेजों में छात्रों को एडमिशन के लिए सीटें नहीं मिल पाती थी। इसके कारण सरकार और कॉलेज प्रबंधन को विरोध का सामना करना पड़ता था। विरोध को कम करने और छात्रों को अधिक से अधिक कॉलेज में प्रवेश देने के लिए नियमों को सरल किया गया। नए कॉलेज खोले गए और पर्याप्त सीटें बढ़ाई गर्इं। सरकार का यही फैसला अब सिरदर्द बन गया है। कॉलेज खोल दिए गए। स्टाफ और शिक्षकों की पदस्थापना कर दी गई लेकिन यहां एडमिशन लेने वाले छात्र ही नहीं है। बोर्ड परीक्षा समय से पहले हो गई। रिजल्ट भी आ गया लेकिन छात्र पास होने के बाद रीवा के कॉलेजों में एडमिशन के लिए पहुंचे ही नहीं। यही वजह है कि रीवा जिला के 18 सरकारी कॉलेजों में से कोई भी फुल नहीं हुआ। कुल 27 हजार 445 सीटें हैं। इसमें से अब तक सिर्फ 13 हजार 587 ही भर पाई है। 13 हजार 587 सीटें खाली हैं। कॉलेजों में सीट भरने के लिए अब हर दूसरे दिन सीएलसी राउंड चलाया जा रहा है। फिर भी छात्र नहीं मिल रहे हैं। कॉलेजों में आए छात्रों के संकट का कारण भी प्रोफेसर और प्राचार्य तलाशने में जुट गए हैं।
उम्मीद से कहीं ज्यादा कॉलेज खुल गए
उच्च शिक्षा विभाग ने रीवा जिला में उम्मीद से कहीं ज्यादा कॉलेज खोल दिए। मांग से कहीं ज्यादा सीटें भी बढ़ा दी। पहले 5 से 10 फीसदी ही सीटें बढ़ाई जाती थी। अब सीटों की संख्या अधिक कर दी गई है। इसके कारण भी कॉलेजों में पढ़ने के लिए छात्र नहीं मिल रहे हैं। कॉलेज का विकल्प भी कई मिल गए हैं। गांव के छात्र, छात्राएं शहर की तरफ रुख कर रही हैं। कई दूसरे शहरों में उच्च शिक्षा अर्जित करने जा रहे हैं। इसका अब साइड इफेक्ट रीवा के कॉलेजों पर नजर आने लगा है।
जीडीसी को पड़ गए छात्राओं के लाले
कभी गर्ल्स डिग्री कॉलेज रीवा में प्रवेश के लिए मारामारी मचती थी। अब यहां लाले पड़े हैं। छात्राएं ही एडमिशन के लिए नहीं आ रही है। अब एडमिशन का अंतिम समय चल रहा है। फिर भी सीटों की तुलना में 50 फीसदी भी एडमिशन नहीं हुआ है। सभी विषय में सीटें खाली पड़ी है। छात्राओं का मोह अचानक से जीडीसी से खत्म हो गया है। छात्राओं की घटती संख्या यहां के स्टाफ के लिए चिंता का विषय बन गया है।
अगस्त तक चल सकती है एडमिशन प्रक्रिया
सरकारी कॉलेजों की हालत खराब है। सीटें खाली है। इन्हें भरने की प्रक्रिया चल रही है। अब उच्च शिक्षा विभाग सीएलसी राउंड शुरू कर दिया है। हर दूसरे दिन सीएलसी राउंड का आयोजन किया जा रहा है। तीसरे दिन लिस्ट जारी की जाती है। एडमिशन की प्रक्रिया धीमी है। वैसे तो 14 अगस्त तक ही रहती है लेकिन हालात देखकर लग रहा है कि उच्च शिक्षा विभाग पूरे अगस्त एडमिशन की प्रक्रिया जारी रख सकता है।
नए कॉलेजों की हालत खराब
सरकार ने छात्रों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए तहसील, कस्बों तक में कॉलेज खोल दिए। भारी भरकम स्टाफ भी पदस्थ कर दिया। बिल्डिंग भी तैयार कर रही है लेकिन अब वहां पढ़ने वाले छात्रों का ही टोटा पढ़ गया है। बैकुंठपुर में विधायक सिरमौर ने कॉलेज खोल कर वाह वाही लूटी। अब वहां की हालत खराब है। 1260 सीटें यूजी में स्वीकृत हुई हैं और यहां अब तक सिर्फ 41 छात्रों ने ही प्रवेश लिया है। इसी तरह गोविंदगढ़ कॉलेज, रायपुर कर्चुलियान कॉलेज की भी हालत खराब है।
पीमश्री कॉलेज में एडमिशन की रफ्तार बढ़ी
टीआरएस कॉलेज के बाद एडमिशन के मामले में सबसे अच्छी कंडीशन में पीएम श्री आदर्श महाविद्यालय रीवा है। यहां 50 फीसदी से अधिक सीटें भर चुकी हैं। अभी एडमिशन की प्रक्रिया जारी है। पीएमश्री कॉलेज होने के बाद यहां सुविधाआें में काफी इजाफा हुआ है। कॉलेज में वह सारी सुविधाएं मिल रही है जो बाहर महानगरों में मिलती है। यहां बस आदि की भी सुविधाएं है। इसके अलावा आर्ट और कामर्स से भी यूजी कराया जा रहा है। छात्राआें को जीडीसी का विकल्प मिल गया। यही वजह है कि अधिकांश छात्राओं ने जीडीसी में एडमिशन न होने के डर से विकल्प के रूप में आदर्श महाविद्यालय को चुना। यहां 65 फीसदी छात्राएं तो 35 फीसदी छात्रों ने एडमिशन लिया है।
कॉलेज में सबसे अधिक छात्राओं ने प्रवेश लिया है। 65 फीसदी छात्राएं हैं और 35 फीसदी छात्रों ने प्रवेश लिया है। पीएम श्री में छात्राओं को विकल्प मिला। जिसे उन्होंने चुना है। कॉलेजों में प्रवेश क्यों नहीं हो रहे हैं। यह बड़ा सवाल है। इस पर गहन अध्ययन की जरूरत है।
- प्रो. रविन्द्र तिवारी, प्राचार्य शासकीय आदर्श विज्ञान महाविद्यालय
अभी कॉलजों में प्रवेश चल रहा है। छात्राएं प्रवेश ले रही हैं। सीएलसी राउंड भोपाल से ही चल रहा है।
-प्रो. विभा श्रीवास्तव, प्राचार्य, जीडीसी
शासकीय महाविद्यालयों में यूजी और पीजी में प्रवेश की स्थिति
कॉलेज का नाम कुल सीटें यूजी पीजी योग
आदर्श विज्ञान महा. 4230 2433 253 2686
टीआरएस महाविद्यालय 7270 3207 969 4176
जीडीसी कॉलेज 4210 1214 408 1622
न्यू साइंस कॉलेज 550 222 00 222
विधि महाविद्यालय 225 00 176 176
वेंकट संस्कृत महावि. 400 12 001 13
दिव्यगवां महाविद्यालय 990 472 00 472
मऊगंज महाविद्यालय 3370 1387 306 1693
मनगवां महाविद्यालय 690 394 00 394
नईगढ़ी महाविद्यालय 1090 368 00 368
गुढ़ महाविद्यालय 400 122 00 122
त्योंथर महाविद्यालय 870 367 65 432
गोविंदगढ़ महाविद्यालय 150 83 00 83
देवतालाब महाविद्यालय 970 458 104 562
रायपुर कर्चु महाविद्यालय 150 25 00 25
सेमरिया महाविद्यालय 460 214 14 228
हनुमना महाविद्यालय 450 272 00 272
बैकुंठपुर महाविद्यालय 1260 41 00 41
योग 27445 11291 2296 13587