सतना एयरपोर्ट की ज़मीन पर वर्षों से हो रहा अतिक्रमण अब उजागर हो गया है। राजस्व विभाग की जांच में सामने आया कि रसूखदार नेता, अधिकारी और जनप्रतिनिधि ही एयरपोर्ट की आराजी पर काबिज हैं। रनवे विस्तार की योजना हर बार सीमांकन तक सीमित रह जाती है। अब सवाल उठता है — क्या इस बार होगी सख्त कार्रवाई या फिर फाइलों में ही दफन हो जाएगी सच्चाई?
By: Yogesh Patel
Jul 30, 20258:31 PM
हाईलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
हवाई अड्डे का रनवे छोटा करने के गुनाहगार कौन हैं? यदि इसकी बात की जाए तो इसके गुनाहगार शहर के रसूखदारों और जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ प्रशासनिक अमला भी है। एयरपोर्ट की आराजी पर कब्जा इन्हीं लोगों ने जमा रखा है। यही वजह है कि हर बार एयरपोर्ट की आराजी को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की बात तो होती है लेकिन नाप- जोख के आगे यह कार्रवाई अंजाम तक नहीं पहुंचती। एक बार फिर रनवे की लम्बाई बढाने के लिए मंगलवार को राजस्व महकमे की टीम ने एसडीएम राहुल सिलाड़िया की अगुवाई में लगभग पांच घंटो तक हवाई अड्डे की आराजी के अतिक्रमण को चिन्हित किया। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान लगभग 120 अतिक्रमणकारी चिन्हित किए गए जिसमें जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन तक का अतिक्रमण सामने आया है। अतिक्रमण चिन्हित करने की पहले दिन की कार्रवाई में एयरपोर्ट के पश्चिमी भाग के सामने स्थित बालक-बालिका आदिवासी छात्रावास जहां एयरपोर्ट की आराजी में पाया गया वहीं विहिप के एक बड़े नेता की बगिया व नगरीय निकाय से जुड़े एक बड़े जनप्रतिनिधि का आवास भी अतिक्रमण के दायरे में मिला। अब देखना यह है कि राजस्व महकमे की कार्रवाई सीमांकन तक ही सीमित रह जाएगी या फिर चिन्हित अतिक्रमणों को गिराकर एयरपोर्ट की आराजी को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।
एयरपोर्ट की आराजी में सजी विहिप नेता की बगिया
एयरपोर्ट की आराजी में काबिज लोगों का अतिक्रमण चिन्हित करने की कार्रवाई मंगलवार को एक बार फिर से शुरू की गई। इस दौरान एयरपोर्ट के पश्चिमी भाग और सरस्वती स्कूल से डिलौरा रोड के बीच अतिक्रमण चिन्हित किए गए। इन चिन्हित अतिक्रमणों में विश्व हिन्दू परिषद के महाकौशल प्रान्त के धर्माचार्य सम्पर्क प्रमुख सागर गुप्ता की बगिया भी एयरपोर्ट की आराजी में पाई गई। बताया जाता है कि 6 खसरा नम्बरों वाली लगभग ढाई एकड़ की यह आराजी एयरपोर्ट के बीचोंबीच है, पहले यह एयरपोर्ट की जमीन थी। बताया जाता है कि इस आराजी को अतिक्रमण मुक्त करा लेने से लगभग ढाई से तीन सौ मीटर एयरपोर्ट की लम्बाई आराम से बढ़ जाएगी। यहां उल्लेखनीय है कि एयरपोर्ट की आराजी में अतिक्रमण तलाशने निकली राजस्व की टीम को कई ऐसी आराजियां भी मिली जो सरकारी जमीन के बीचोंबीच थीं। राजस्व महकमे की टीम ने इन आराजियों का सीमांकन करने के साथ ही इस जांच में भी जुट गई है कि अगल-बगल सरकारी जमीन है और बीच में पट्टे की जमीन कैसे आ गई? मंगलवार को अतिक्रमण चिन्हित करने एसडीएम राहुल सिलाड़िया की अगुवाई में मैदान में उतरी टीम में आरआई वीरेश सिंह, पटवारी विजय मिश्रा समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
74.30 एकड़ में अतिक्रमण, 17 एकड़ में बन गया बाईपास
बताया जाता है कि 2013 में तत्कालीन कलेक्टर द्वारा दिए गए प्रतिवेदन में स्वीकार किया गया था कि 74.30 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है, इसी प्रतिवेदन में यह भी कहा गया था कि 49.30 एकड़ जमीन में झुग्गी- झोपड़ी व मकान बना लिए गए हैं, करीब 8 एकड़ जमीन पर खेती हो रही है। यहां तक कि लगभग 17 एकड़ जमीन पर मैहर बाईपास का निर्माण हो गया है। इसके अलावा बाईपास के चौड़ीकरण की तैयारी भी हो रही है।
फैक्ट फाइल