सतना और मैहर जिलों में रबी फसलों के बीमा आवेदन बीते साल की तुलना में करीब 50 प्रतिशत कम दर्ज किए गए हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अंतिम तिथि नजदीक होने के बावजूद बड़ी संख्या में किसान बीमा सुरक्षा से बाहर हैं, जिससे भविष्य के जोखिम बढ़ सकते हैं।
By: Star News
Dec 28, 20252:50 PM
हाइलाइट्स:
सतना, स्टार समाचार वेब
बीते साल की अपेक्षा इस साल रबी फसलों का बीमा 50 फीसदी कम हुआ है। यह तब है जब अंतिम तारीख के मात्र चार दिन ही शेष हैं। किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के जिला कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री राष्ट्रीय फसल बीमा योजना के तहत सतना-मैहर जिला में रबी फसलों का बीमा पचास फीसदी आवेदन ही हो सके हैं। शनिवार तक मैहर जिला के 12 हजार 74 किसानों के और सतना जिला में 51 हजार 4 सौ 50 किसानों के आवेदन ही आ सके थे। जबकि बीते रबी सीजन में मैहर जिला में 26 हजार 8 सौ 55 और सतना जिला में 1 लाख 8 हजार 69 किसानों ने आवेदन किया था।
ऋणी-अऋणी एक स्थिति & फसल बीमा में ऋणी-अऋणी किसान दोनों ही आवेदन कर सकते हैं हालांकि यह उनकी इच्छा पर निर्भर है। किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के जिला कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक मैहर जिला में 11 हजार 9 सौ 67 ऋणी किसान और 1 सौ 7 अऋणी किसान इसी तरह सतना जिला 51 हजार 2 सौ 40 ऋणी और 2 सौ 10 अऋणी किसानों के आवेदन आए। बीते रबी सीजन में मैहर जिला में 26 हजार 6 सौ 92 ऋणी, 1 सौ 63 अऋणी तथा सतना जिला में 1 लाख 7 हजार 126 ऋणी, 9 सौ 43 अऋणी किसानों ने बीमा के लिए आवेदन किया था।
1 दिसंबर से शुरू हुआ
चालू सीजन के लिए फसल बीमा के लिए चार दिन शेष है। राष्ट्रीय फसल बीमा कंपनी के जिला प्रबंधक मधुसूदन तिवारी ने बताया कि जिलों में रबी फसल बीमा की प्रक्रिया 1 दिसंबर 2025 से शुरू की गई थी। अधिसूचित फसलों का बीमा कराने का अवसर 31 दिसंबर 2025 तक दिया गया है। योजना का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, मौसम की अनिश्चितता, कीट-रोग प्रकोप और अन्य जोखिमों से होने वाले फसल नुकसान की स्थिति में किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।
इन फसलों के लिए बीमा
ये आवेदन मुख्य रूप से गेहूं, चना, मसूर, राई, सरसों और राई-सरसों मिश्रित फसलों के लिए प्राप्त हुए हैं। आवेदन संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में किसान बीमा कवरेज से बाहर हैं।