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करण उपाध्याय का ब्लॉग
By: Star News
नेता जी कितनी बार मिठाई खाएंगे
सतना जंक्शन का कायाकल्प हो रहा है, और इस 'कार्य' का जश्न भी खूब मन रहा है. पिछले महीने, जब माननीय ने पहली बार स्टेशन री-डेवलपमेंट का दौरा किया, तो नजारा देखने लायक था. रेलवे अधिकारियों-कर्मचारियों से ज्यादा, नेताजी के 'गणों' की फौज मौजूद थी। निरीक्षण के बाद माननीय की आवभगत चेम्बर के अंदर चल रही थी, जहाँ मुंह मीठा कराया जा रहा था। बाहर खड़े छुटके नेताजी के मुँह में पानी आ रहा था, पर अंदर भीड़ इतनी कि घुसने की हिम्मत न थी। आखिरकार, छुटके नेताजी की भड़ास निकल ही पड़ी: "दो बार तो माननीय स्टेशन री-डेवलपमेंट की मिठाई खा चुके हैं, अब कितनी बार खाएंगे!" लगता है ये कायाकल्प, मिठाई के साथ ही पूरा होगा.
स्टेशन यार्ड में 'उल्टी गंगा'
सतना स्टेशन यार्ड में हर महीने कोई न कोई 'करतब' होता रहता है झ्र कभी इंजन बोगी से टकराता है, तो कभी मालगाड़ी के चक्के पटरी से नीचे उतर जाते हैं। हर बार कोशिश रहती है कि 'मामूली सी बात' कहकर घटना को दबा दिया जाए. लेकिन ये छोटी-छोटी 'तकनीकी खामियां' कब बड़ी दुर्घटना को न्योता दे दें, कौन जानता है! हाल ही में हुई एक घटना के बाद, जब तीन कर्मचारियों को चार्जशीट मिली, तो सब हैरान रह गए। जांचकतार्ओं ने तो केवल एक को दोषी ठहराया था, लेकिन जब चार्जशीट आई, तो उसमें तीन नाम थे। कर्मचारी कह रहे हैं, "भाई, डिपो में तो उल्टी गंगा बह रही है। जिसका कोई दोष नहीं, उसे भी लपेटे में ले लिया है। कहा जा रहा है जांच में जितने नाम होंगे, पनिशमेंट उतना कम हो जाएगा। फिलहाल यूनियनबाजी हावी है.
वाई-फाई ने किया मोबाइल में मशगूल
सतना जंक्शन पर रेल मंत्रालय ने यात्रियों के लिए वाई-फाई की सुविधा दी है, इसका कितना लाभ यात्री उठा रहे हैं, यह तो राम जाने। लेकिन इसका असली 'सदुपयोग' कौन कर रहा है, वो जानकर आप चौंक जाएंगे. दरअसल, ट्रेन परिचालन से जुड़े कर्मचारी ही मोबाइल में मशगूल होकर इस 'अमृत' का पूरा लाभ उठा रहे हैं। आलम यह है कि ट्रेन की सीटी बजती रहती है और डिप्टी साहब यू-ट्यूब में मगन रहते हैं। बड़े साहब ने एक नोटिस भी चिपका रखा है, पर डिप्टी साहब उसे ठेंगा दिखाकर रेल संरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं। कहते हैं कि "ये तो मोबाइल का प्रेम है।" अब चाहे ट्रेन समय पर चले या लेट हो जाए, उन्हें क्या फर्क पड़ता है।
वर्ल्ड क्लास पर 'अमृत' भारी
सतना स्टेशन पर स्वच्छता के हाल किसी से छिपे नहीं हैं। प्लेटफार्म हो, स्टेशन परिसर हो गंदगी दिख रही है। सफाई ठेकेदार को पैनाल्टी भी स्टेशन चमकाने के लिए पाबंद कर पा रही है। मैहर के एक माननीय सतना आए थे- रेल अफसरान से कहा था 'तुम्हारे वर्ल्ड क्लास बनने जा रहे स्टेशन के क्या हाल हैं, देखते नहीं हो क्या? हमारे अमृत योजना वाले मैहर स्टेशन को तो कभी देखो, जहां प्लेटफार्म से लेकर रेल परिसर तक चमक रहा है।