डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम 2002 में राष्ट्रपति चुने गए थे। उस समय लालकृष्ण आडवाणी भाजपा में बेहद मजबूत स्थिति में थे। ऐसे में भाजपा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए कलाम के नाम पर विचार करने से पहले अटल बिहारी वाजपेयी का नाम सुझाया था।
By: Arvind Mishra
Dec 17, 20252:42 PM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम 2002 में राष्ट्रपति चुने गए थे। उस समय लालकृष्ण आडवाणी भाजपा में बेहद मजबूत स्थिति में थे। ऐसे में भाजपा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए कलाम के नाम पर विचार करने से पहले अटल बिहारी वाजपेयी का नाम सुझाया था। साथ ही प्रधानमंत्री पद लाल कृष्ण आडवाणी को सौंपने की बात कही थी। दरअसल, भारत पूर्व पीएम स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के मीडिया सलाहकार रहे अशोक टंडन की नई किताब अटल संस्मरण में 2002 के राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ा एक बड़ा खुलासा हुआ है। किताब में दावा किया गया है कि कलाम से पहले भाजपा ने वाजपेयी को पीएम पद छोड़ राष्ट्रपति बनने की बात कही थी। हालांकि, वाजपेयी ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने तर्क दिया कि बहुमत के आधार पर उनका राष्ट्रपति बनना एक गलत मिसाल कायम करेगा।

कलाम को मिला था एनडीए का समर्थन
अटल संस्मरण में इस घटना का जिक्र है कि कलाम 2002 में तत्कालीन सत्ताधारी नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) और विपक्ष दोनों के समर्थन से 11वें राष्ट्रपति चुने गए थे। कलाम के राष्ट्रपति बनने से पहले अटल जी को राष्ट्रपति बनने को कहा गया। वाजपेयी ने अपनी पार्टी के इस सुझाव को साफ तौर पर खारिज कर दिया कि उन्हें राष्ट्रपति भवन जाना चाहिए और प्रधानमंत्री पद अपने दूसरे नंबर के नेता लाल कृष्ण आडवाणी को सौंप देना चाहिए।
इसलिए नहीं तैयार हुए वाजपेयी
टंडन के अनुसार, वाजपेयी इसके लिए तैयार नहीं थे। उनका मानना था कि किसी भी लोकप्रिय प्रधानमंत्री के लिए बहुमत के आधार पर राष्ट्रपति बनना भारतीय संसदीय लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं होगा। यह एक बहुत गलत मिसाल कायम करेगा, और वह ऐसे कदम का समर्थन करने वाले आखिरी व्यक्ति होंगे।
अटल फैसला सुन बैठक में छा गया था सन्नाटा
इस दौरान वाजपेयी ने मुख्य विपक्षी पार्टी, कांग्रेस के नेताओं को आमंत्रित किया ताकि राष्ट्रपति पद के लिए आम सहमति बन सके। इस दौरान सोनिया गांधी, प्रणब मुखर्जी और डॉ. मनमोहन सिंह उनसे मिलने आए थे। वाजपेयी ने पहली बार आधिकारिक तौर पर खुलासा किया कि एनडीए ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए कलाम को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है, बैठक में कुछ देर सन्नाटा छा गया। इस पर सोनिया गांधी ने कहा, मैं आपके चुनाव से हैरान हूं। हालांकि मेरे पास समर्थन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। लेकिन प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और फिर फैसला लेंगे।
सोनिया जी! मैं सुरक्षित हूं, अपना ख्याल रखना
किताब ने इस बात का भी जिक्र है, जब 13 दिसंबर, 2001 को संसद पर आतंकवादी हमला हुआ, तो वाजपेयी और सोनिया गांधी के बीच फोन पर बात हुई, जो उस समय लोकसभा में विपक्ष की नेता थीं। हमले के समय, वाजपेयी अपने घर पर थे और अपने साथियों के साथ टेलीविजन पर सुरक्षा बलों का आपरेशन देख रहे थे। इसी दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का फोन आया। उन्होंने कहा-मुझे आपकी चिंता है, क्या आप सुरक्षित हैं। इस पर, अटलजी ने कहा-सोनिया जी, मैं सुरक्षित हूं, मुझे चिंता थी कि आप संसद भवन में हो सकती हैं, अपना ख्याल रखना।