भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ताजपोशी के बाद नई प्रदेश कार्यकारिणी के गठन पर मंथन शुरू हो गया है। जिसको लेकर नेताओं ने लॉबिंग शुरू कर दी है। चर्चा है कि भाजपा की नई कार्यकारिणी में अधिकांश नए चेहरों को जगह दी जाएगी। कार्यकारिणी में सांसदों और विधायकों की संख्या सीमित रखी जाएगी। दरअसल, पार्टी नया नेतृत्व तैयार करना चाहती है।
By: Arvind Mishra
Jul 08, 20252 hours ago
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ताजपोशी के बाद नई प्रदेश कार्यकारिणी के गठन पर मंथन शुरू हो गया है। जिसको लेकर नेताओं ने लॉबिंग शुरू कर दी है। चर्चा है कि भाजपा की नई कार्यकारिणी में अधिकांश नए चेहरों को जगह दी जाएगी। कार्यकारिणी में सांसदों और विधायकों की संख्या सीमित रखी जाएगी। दरअसल, पार्टी नया नेतृत्व तैयार करना चाहती है। इसके लिए प्रदेश कार्यकारिणी में नए नेताओं को जगह दी जाएगी। जल्द ही नई कार्यकारिणी का खाका तैयार किया जाएगा और पार्टी हाईकमान की मंजूरी के बाद अगले माह कार्यकारिणी की घोषणा कर दी जाएगी। दरअसल, मध्यप्रदेश भाजपा में हेमंत खंडेलवाल की प्रदेशाध्यक्ष पद पर नियुक्ति के बाद अब 62 जिलों में नई कार्यकारिणियों के गठन की कवायद शुरू हो गई है। जिलाध्यक्षों के सामने टीम चयन को लेकर बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। पुराने कार्यकर्ताओं, नए शामिल हुए नेताओं और दूसरे दलों से आए नेताओं को शामिल करने की कोशिश में संतुलन साधना जरूरी हो गया है। हालांकि पार्टी का पूरा फोकस संगठन की मजबूती पर है। इसके लिए कार्यकारिणी में पार्टी के सीनियर और अनुभवी नेताओं को शामिल करके फेरबदल किया जाएगा। इस बार युवा और नए चेहरों को भी कार्यकारिणी में जगह मिलने की संभावना है जिनकी कार्यप्रणाली से पार्टी खुश है। जबकि पहले रहे कुछ पदाधिकारियों की छुट्टी होना भी तय माना जा रहा है।
जिला स्तर की टीमों में पुराने समर्पित कार्यकर्ताओं के साथ-साथ नए और चुनाव से पहले भाजपा में आए नेताओं को भी जगह देने की मांग उठ रही है। पार्टी के पद जैसे उपाध्यक्ष, महामंत्री, मंत्री सहित मोर्चा व प्रकोष्ठों में शामिल होने के लिए कई नेता पैरवी में लगे हैं। वहीं, भाजपा पदाधिकारियों का कहना है कि योग्यतानुसार सभी कार्यकर्ताओं को उचित जिम्मेदारी दी जाएगी। सभी से राय लेकर टीम बनाई जाएगी और मन बड़ा रखकर समन्वय के साथ कार्य करेंगे।
गौरतलब है कि 62 जिलाध्यक्षों में से 30 सवर्ण वर्ग से हैं जिनमें 16 ब्राह्मण, 7 राजपूत और बाकी वैश्य समाज से हैं। 25 अन्य पिछड़ा वर्ग और 7 अनुसूचित जाति-जनजाति से अध्यक्ष चुने गए हैं। साथ ही, 7 जिलों में महिला नेत्रियों को जिलाध्यक्ष बनाया गया है।
पिछले दो वर्षों में लगभग ढाई लाख कार्यकर्ता विभिन्न दलों से भाजपा में शामिल हुए हैं। इनमें से अधिकांश कांग्रेस पृष्ठभूमि से हैं। इन नेताओं में सरपंच से लेकर पूर्व विधायक व मंत्री तक शामिल हैं। वे अब जिला संगठन में अपनी भूमिका की अपेक्षा कर रहे हैं।
अब जिलों की कार्यकारिणी का गठन नई गाइडलाइन के अनुसार होगा। जिला स्तर पर कार्यकारिणी में 40 फीसदी पदाधिकारी नए नियुक्त किए जाएंगे। एसटी, एससी महिलाओं को भी टीम में जगह दी जाएगी। मप्र में भाजपा की जिला अध्यक्षों का चयन पांच महीने पहले हो चुका है। इसके बाद से जिलों की कार्यकारिणी का भी गठन अब तक नहीं हो सका है। दअरसल भाजपा के नए अध्यक्ष का चयन न हो पाने से जिलों की कार्यकारिणी का गठन अटका हुआ था।