देश की सीमाओं की सुरक्षा अब ड्रोन के माध्यम से भी की जाएगी। इसके लिए मध्यप्रदेश के ग्वालियार में स्थित बीएसएफ अकादमी टेकनपुर में 6 महीने के प्रशिक्षण के बाद दुर्गा वाहिनी महिला जवानों की टीम तैयार की गई है। यह टीम ड्रोन वॉरियर के रूप में काम करेगी।
By: Arvind Mishra
Nov 11, 20253:18 PM
ग्वालियर। स्टार समाचार वेब
देश की सीमाओं की सुरक्षा अब ड्रोन के माध्यम से भी की जाएगी। इसके लिए मध्यप्रदेश के ग्वालियार में स्थित बीएसएफ अकादमी टेकनपुर में 6 महीने के प्रशिक्षण के बाद दुर्गा वाहिनी महिला जवानों की टीम तैयार की गई है। यह टीम ड्रोन वॉरियर के रूप में काम करेगी। इसके लिए बीएसएफ टेकनपुर में ड्रोन ड्रिल का आयोजन किया गया। हर परिस्थिति में बीएसएफ सीमाओं पर देश विरोधी दुश्मनों से निपटने के लिए तैयार है। बीएसएफ के एडीजी डॉ. शमशेर सिंह ने बताया कि खास तौर पर ड्रोन कंट्रोल के लिए महिलाओं का हमने चयन किया है। टीम में शामिल सभी महिलाएं पूर्ण रूप से तैयार है।
एडीजी ने बताया कि ड्रोन के माध्यम से हमे दुश्मनों तक पहुंचने में आसानी होगी। दुश्मन किसी भी परिस्थिति में छुपा हो हम उससे निपट सकते हैं। इतना ही नहीं, कई बार सीमाओं पर होने वाली वॉर में जब हमारा जवान घायल होता है तो उसके पास ड्रोन के माध्यम से तत्काल (फर्स्ट एड बॉक्स) प्रथमिक उपचार भी पहुंचाया जा सकता है।
पहले चरण में जम्मू-कश्मीर फ्रंटियर की महिला इकाइयों को प्रशिक्षण दिया गया था, जो प्रशिक्षण पूरा कर विशिष्ट आॅपरेशनल भूमिका निभा रही हैं। वर्तमान में पंजाब फ्रंटियर की महिला टीम इसी प्रशिक्षण में अग्रसर हैं। प्रशिक्षण के दौरान देश के भीतर सुरक्षा और नैतिकता से जुड़े मानकों पर भी कड़ा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
डाटा गोपनीयता नागरिक सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश सहभागियों को दिए जा रहे हैं। प्रशिक्षण समापन के बाद इन महिला टीमों को सीमा परिस्थितियों में ड्रोन-आधारित निगरानी, आपात सहायता और समन्वित आॅपरेशनों में तैनात किया जाएगा, ताकि सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा और त्वरित प्रतिक्रिया दोनों और प्रभावी बन सकें।

गौरतलब है कि ग्वालियर की टेकनपुर अकादमी में ही बीएसएफ की पहली महिला कॉबैट अफसर तनुश्री पारीक को भी प्रशिक्षित कर पंजाब सीमा की एक यूनिट पर तैनात किया गया था। तनुश्री बीएसएफ की पहली महिला कॉबैट अफसर हैं।