अगर आप लगातार तनाव में रहते हैं, तो ये सिर्फ आपके मूड पर नहीं बल्कि आपके दिल पर भी असर डाल सकता है।
By: Manohar pal
Aug 07, 20255:58 PM
अगर आप लगातार तनाव में रहते हैं, तो ये सिर्फ आपके मूड पर नहीं बल्कि आपके दिल पर भी असर डाल सकता है। आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हम सभी काम और निजी जीवन के बीच फंसे हुए हैं, जिसकी वजह से स्ट्रेस, एंग्जायटी और नींद न आने जैसी दिक्कतें बढ़ गई हैं। ज्यादा स्ट्रेस की वजह से हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, सूजन और इनसोम्निया का खतरा रहता है। इसलिए अपनी सेहत का ख्याल रखने के लिए जरूरी है कि तनाव को कंट्रोल किया जाए। तनाव कम करने में प्राणायाम काफी फायदेमंद है।
अधिक स्ट्रेस के कारण हो सकती हैं ये परेशानियां
समाधान
प्राणायाम सिर्फ सांस लेने की एक्सरसाइज नहीं, बल्कि शरीर और दिमाग को संतुलित रखने का शक्तिशाली उपाय है। रोजाना सिर्फ 15-20 मिनट देने से आप मानसिक शांति महसूस करेंगे और स्ट्रेस भी काफी हद तक कम हो सकता है।
1. अनुलोम-विलोम प्राणायाम
यह सबसे बेसिक और असरदार ब्रीदिंग टेक्निक है।
✔ ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है
✔ मन को शांत करता है
✔ फोकस बढ़ाता है
कैसे करें?
सुखासन में बैठें
एक नथुने से सांस लें, दूसरे से छोड़ें
5-10 मिनट तक करें
2. भ्रामरी प्राणायाम
मधुमक्खी जैसी आवाज निकालते हुए किया जाता है।
तनाव, एंग्जायटी और डिप्रेशन में राहत
नींद बेहतर बनाता है
कैसे करें?
आंखें बंद कर गहरी सांस लें
“ह्म्म्म” या “ओम” की ध्वनि के साथ सांस छोड़ें
*5-7 बार दोहराएं
3. कपालभाति प्राणायाम
फास्ट एक्सहेलिंग टेक्निक
मानसिक स्थिरता लाता है
स्ट्रेस और नेगेटिविटी को कम करता है
डाइजेशन में भी मददगार
कैसे करें?
पेट को तेजी से अंदर की ओर खींचते हुए सांस छोड़ें
शुरुआत में 30-50 बार करें
4. उज्जायी प्राणायाम
गले से आवाज के साथ ब्रीदिंग
थायरॉइड और फोकस दोनों में फायदेमंद
स्ट्रेस और बेचैनी कम करता है
कैसे करें?
गले को हल्का सिकोड़ें
सांस लेते और छोड़ते समय धीमी आवाज आए
5-10 मिनट करें
5. शीतली प्राणायाम
शरीर और दिमाग को “कूल” करने वाला प्राणायाम
गुस्सा, चिड़चिड़ापन और गर्मी को शांत करता है
कैसे करें?
जीभ को रोल करें
मुंह से सांस लें, नाक से छोड़ें
5-7 बार दोहराएं
तनाव भरी जिंदगी से राहत पाने का कोई महंगा इलाज नहीं चाहिए – बस थोड़े समय की सजगता चाहिए।
रोज 15-20 मिनट के लिए ये 5 प्राणायाम अपनाएं और खुद देखें आपकी मानसिक और शारीरिक स्थिति में कितना बदलाव आता है।