ईरान की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरंसी कंपनी 'नोबिटेक्स' से हैकर्स ने 9 करोड़ डॉलर चुरा लिए।
By: Sandeep malviya
Jun 19, 202539 minutes ago
दुबई। ईरान की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरंसी कंपनी 'नोबिटेक्स' से हैकर्स ने 9 करोड़ डॉलर चुरा लिए। इसे ईरान-इस्राइल तनाव के बीच राजनीतिक संदेश देने के लिए एक साइबर हमला माना जा रहा है। इसमें गोंजेशके दरांडे नाम के हैकर ग्रुप का नाम सामने आया है, जिसके इस्राइल से जुड़े होने की आशंका है। हैकर्स एक समूह ने गुरुवार को ईरान की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज 'नोबिटेक्स' से 9 करोड़ डॉलर से ज्यादा की रकम चुरा ली। ब्लॉकचेन का विश्लेषण करने वाली कंपनियों ने यह जानकारी दी। इन हैकर्स के इस्राइल से जुड़े होने की आशंका है। इसकी जिम्मेदारी लेने वाले हैकर्स समूह ने दावा किया कि उसने कंपनी का पूरा सोर्स कोड लीक कर दिया है। हैकर्स समूह ने अपने टेलीग्राफ खाते पर लिखा, नोबिटेक्स में जो भी संपत्तियां थीं, वह अब सार्वजनिक हो चुकी हैं।
ब्लॉकचेन का विश्लेषण करने वाली कंपनी 'एलिपटिक' ने अपने ब्लॉग पोस्ट में लिखा, चुराए गए पैसे उन वॉलेट में भेजे गए, जिन पर ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की आलोचना वाले संदेश लिखे थे। कंपनी ने कहा कि यह हमला शायद पैसा कमाने के लिए नहीं, बल्कि राजनीतिक मकसद से किया गया था। हैकर्स ने जिन वॉलेट में पैसा डाला, वे वॉलेट ऐसे थे कि मानो उन्होंने पैसे को नष्ट कर दिया, ताकि नोबिटेक्स को एक राजनीतिक संदेश भेजा जा सके।
हैकर ग्रुप कौन है?
इस हमले की जिम्मेदारी 'गोंजेशके दरांडे' नाम के ग्रुप ने ली, जिसका फारसी में मतलब होता है- शिकारी गौरैया । इस ग्रुप ने एक्स पर लिखा कि नोबिटेक्स ने ईरान सरकार की पश्चिमी देशों की पाबंदियों से बचने में मदद की है। साथ ही, वह पैसा उग्रवादियों तक पहुंचाने में भी शामिल है।
नोबिटेक्स ने की घुसपैठ की पुष्टि
नोबिटेक्स ने हमले की पुष्टि की और कहा कि उनकी प्रणाली में अनधिकृत घुसपैठ हुई है। उनकी ऐप और वेबसाइट फिलहाल बंद हैं, क्योंकि वे इसकी जांच कर रहे हैं। चेनएनालिसिस के राष्ट्रीय सुरक्षा खुफिया प्रमुख एंड्रयू फियरमैन ने कहा, इस चोरी में बिटकॉइन, एथेरियम, डॉजकॉइन जैसी कई तरह की क्रिप्टोकरंसी शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह साइबर हमला इसलिए भी खास है, क्योंकि ईरान का क्रिप्टोकरंसी बाजार बहुत बड़ा नहीं है। इसलिए, इस स्तर की चोरी वहां के लिए बहुत गंभीर मानी जा रही है।
हैकिंग की वजह ईरान और इस्राइल के बीच बढ़ता तनाव?
यह साइबर हमला इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते टकराव से प्रेरित लगता है। पिछले हफ्ते इस्राइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों और सैन्य अधिकारियों पर हमला किया था। इसके जवाब में तेहरान ने मिसाइलों से पलटवार किया। इसी दौरान इस हैकर ग्रुप ने दावा किया कि उसने मंगलवार को ईरान के सरकारी बैंक 'सेपा' पर साइबर हमला कर उसका डाटा नष्ट कर दिया।
नोबिटेक्स से किनका संबंध?
एलिपटिक ने कहा कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई के रिश्तेदारों का नोबिटेक्स से संबंध है। इस एक्सचेंज का इस्तेमाल प्रतिबंधित रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कुछ अधिकारी भी करते थे। कंपनी ने यह भी सबूत दिए कि नोबिटेक्स ने उन वॉलेट्स से पैसे का लेन-देन किया था, जो ईरान के सहयोगी संगठनों के नियंत्रण में थे, जैसे कि यमन के हूती विद्रोही और हमास (एक फलस्तीनी संगठन)।
गोंजेशके दरांडे का पुराना रिकॉर्ड
गोंजेशके दरांडे नाम के इस हैकर ग्रुप ने इससे पहले भी ईरान पर कई बड़े साइबर हमलों की जिम्मेदारी ली है। 2021 में उन्होंने एक ऐसा आॅपरेशन किया, जिससे ईरान के पेट्रोल पंप ठप हो गए। 2022 में उन्होंने एक स्टील फैक्ट्ररी पर हमला किया, जिससे वहां भीषण आग लग गई थी।
क्या है इस्राइल से संबंध?
इस्राइली मीडिया में कई खबरों में कहा गया है कि यह ग्रुप इस्राइल से जुड़ा हुआ है। लेकिन इस्राइल की सरकार ने कभी भी आधिकारिक रूप से इसे स्वीकार नहीं किया है। अमेरिकी सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन और एंगस किंग ने पिछले साल यह चिंता जताई थी कि ईरान क्रिप्टोकरंसी का उपयोग अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचने के लिए कर रहा है।