सर्दियां अपने साथ न सिर्फ ठंडक और रजाई का मज़ा लाती हैं, बल्कि बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देती हैं खासकर छोटे बच्चों के लिए। ठंडी हवाएं, तापमान में उतार-चढ़ाव और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण बच्चों को खांसी, जुकाम, बुखार, गले में दर्द और निमोनिया जैसी समस्याएं जल्दी घेर लेती हैं।
By: Manohar pal
Nov 13, 20256:09 PM
सर्दियां अपने साथ न सिर्फ ठंडक और रजाई का मज़ा लाती हैं, बल्कि बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देती हैं खासकर छोटे बच्चों के लिए। ठंडी हवाएं, तापमान में उतार-चढ़ाव और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण बच्चों को खांसी, जुकाम, बुखार, गले में दर्द और निमोनिया जैसी समस्याएं जल्दी घेर लेती हैं।
ऐसे में माता-पिता को अपने नन्हे-मुन्नों की देखभाल में लापरवाही नहीं करनी चाहिए। सर्दियों में बच्चों की सेहत की जिम्मेदारी सिर्फ कपड़े पहनाने तक सीमित नहीं है। सही खानपान, पर्याप्त धूप, और साफ-सुथरा माहौल उनके अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है। अगर आप अपने बच्चे को सर्दियों में फिट रखना चाहते हैं, तो इन 5 गलतियों से जरूर बचें।
बच्चों को ज्यादा कपड़ों में लपेट देना
कई माता-पिता ठंड से बचाने के लिए बच्चों को जरूरत से ज्यादा कपड़े पहना देते हैं। इससे बच्चे का शरीर पसीना छोड़ता है और पसीना सूखने पर ठंड लग जाती है। सर्दी से बचाने के लिए बच्चों को लेयरिंग में कपड़े पहनाएं ताकि जरूरत के अनुसार एक लेयर कम या ज्यादा की जा सके।
ठंड के डर से बाहर खेलना बंद कर देना
ठंड में बच्चे को घर के अंदर रखने से उसकी इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है। धूप से मिलने वाला विटामिन D शरीर को मजबूत बनाता है।दिन में थोड़ी देर बच्चों को धूप में जरूर खेलने दें, इससे फेफड़े और हड्डियां मजबूत होती हैं।
बार-बार न नहलाना या बिल्कुल न नहलाना
सर्दियों में कई माता-पिता बच्चों को ठंड के डर से हफ्तों तक नहीं नहलाते। इससे शरीर पर बैक्टीरिया और धूल जमा होकर स्किन इंफेक्शन का खतरा बढ़ाता है। गुनगुने पानी से दो-तीन दिन में एक बार स्नान कराएं और बाद में तुरंत मॉइस्चराइजर लगाएं।
ठंड में फलों और तरल पदार्थों की कमी करना
सर्दियों में बच्चे अक्सर पानी और फलों से दूरी बना लेते हैं। इससे शरीर में पानी की कमी और इम्यूनिटी में गिरावट आती है। बच्चों को सूप, हॉट मिल्क, सिट्रस फ्रूट (संतरा, मौसमी) और सूखे मेवे देना न भूलें।
कमरे में धूप या हवा का आना रोक देना
बंद कमरे में बैक्टीरिया और नमी जमा हो जाती है, जिससे सांस की समस्या बढ़ती है। रोजाना कुछ देर कमरे की खिड़कियां खोलें ताकि ताजी हवा और धूप अंदर आ सके।
इसके अलावा सर्दियों में बच्चों के हाथ-पैर गर्म रखें लेकिन ओवर-कवर्ड नहीं। सोने से पहले हल्के गुनगुने दूध में हल्दी डालकर दें। यदि बच्चा बार-बार बीमार पड़ता है तो डॉक्टर से विटामिन सप्लीमेंट्स की सलाह लें।