मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार चुनाव से पहले एक और सौगात दी है। सीएम ने आशा और ममता कार्यकर्ताओं के मानदेय बढ़ाने का एलान किया है। उन्होंने आशा का मानदेय 3000 और ममता का 600 रुपए कर दिया है। बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की आशा और ममता कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोतरी करके उन्हें खुशखबरी दी है।
By: Arvind Mishra
Jul 30, 202512 hours ago
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार चुनाव से पहले एक और सौगात दी है। सीएम ने आशा और ममता कार्यकर्ताओं के मानदेय बढ़ाने का एलान किया है। उन्होंने आशा का मानदेय 3000 और ममता का 600 रुपए कर दिया है। दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की आशा और ममता कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोतरी करके उन्हें खुशखबरी दी है। आशा कार्यकर्ताओं को अब 1 हजार की जगह 3 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि मिलेगी। वहीं ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव 300 की जगह 600 रुपए मिलेंगे। इस फैसले से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं और मजबूत होंगी। सीएम नीतीश में अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर लिखा-नवम्बर 2005 में सरकार बनने के बाद से हम लोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में आशा तथा ममता कार्यकर्ताओं ने अहम भूमिका निभाई है। इसे ध्यान में रखते हुए तथा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण में आशा एवं ममता कार्यकतार्ओं के अहम योगदान को सम्मान देते हुए उनकी मानदेय राशि में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है।
सीएम ने आगे लिखा-आशा कार्यकर्ताओं को अब 1 हजार रुपए की जगह 3 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव 300 रुपए की जगह 600 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी, इससे उनका मनोबल और बढ़ेगा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं और मजबूत होंगी।
पिछले कुछ साल से बिहार राज्य ममता कार्यकर्ता संघ की ओर से मानदेय बढ़ाने के लिए प्रदर्शन किया जा रहा था। ममता कार्यकर्ताओं की पहली बार बहाली 21 अगस्त 2008 को हुई थी। उस वक्त प्रति प्रसव 100 रुपए दिया जाता था। इसे बाद में बढ़ाकर 300 रुपए कर दिया गया। लेकिन, ममता कार्यकर्ताओं ने इसे पर्याप्त नहीं माना। महंगाई का हवाला देकर राशि बढ़ाने की मांग करने लगीं। अब सीएम ने इसे बढ़ाकर 600 रुपए कर दिया गया।
गौरतलब है कि ममता कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग में काम कर रही हैं। यह सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव के बाद नवजात शिशु और मां को सेवाएं देती हैं। वहीं आशा भी स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने में मदद करती हैं। वह गर्भवती महिलाओं, बच्चों की देखभाल, टीकाकरण, परिवार नियोजन और बीमारियों की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।