उत्तर प्रदेश के अयोध्या की पावन धरती पर बने भव्य राम मंदिर की रौनक दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। अयोध्या में अब जल्द ही रामायण से जुड़े हर पात्र के दर्शन श्रद्धालुओं को आसानी से हो सकेंगे। इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
By: Manohar pal
May 19, 202510 hours ago
अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या की पावन धरती पर बने भव्य राम मंदिर की रौनक दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। अयोध्या में अब जल्द ही रामायण से जुड़े हर पात्र के दर्शन श्रद्धालुओं को आसानी से हो सकेंगे। इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जहां राम मंदिर के भूतल पर बालक राम विराजमान हैं तो वहीं, प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना होने वाली है। इसके अलावा दूसरे तल पर विभिन्न भाषाओं में अंकित रामायण को संकलित किया जाएगा।
बता दें कि रामनगरी के राम मंदिर परिसर के 70 एकड़ परिसर में प्रभु राम के मंदिर के साथ अन्य मंदिरों का भी निर्माण पूरा कर लिया गया है। मंदिर के लोअर प्लिंथ पर रामायण के प्रसंग पर आधारित म्यूरल भी दशार्या जा रहा है। जहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र होगा। यानी राम मंदिर में रामायण से जुड़े हर पात्र के भी अब दर्शन होंगे।
अयोध्या का राम मंदिर बनकर लगभग तैयार हो गया है। ऐसे में राम दरबार और अन्य मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा भी 5 जून को संपन्न होगी। उसके बाद राम भक्त इन मंदिरों में आसानी से दर्शन पूजन कर सकेंगे। राम मंदिर के व्यवस्थापक गोपाल राव के मुताबिक राम जन्मभूमि परिसर में प्रभु राम के अलावा 14 और मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। सभी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा भी 3 जून से लेकर 5 जून तक संपन्न की जाएंगी इन मंदिरों में दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को कोई आसुविधा न हो। इसको लेकर व्यवस्था बनाई जा रही है।
राम मंदिर परिषद में प्रथम तल पर जहां राम दरबार की स्थापना होगी तो वहीं, भगवान गणेश, हनुमान जी, भगवान सूर्य, माता अन्नपूर्णा, भगवान शंकर, महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि अगस्त, महर्षि विश्वामित्र, निषाद राज, माता शबरी, देवी अहिल्या के भी मंदिर बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही मंदिर के लोअर प्लिंथ पर रामायण के प्रसंग भी अंकित किए जा रहे हैं। यानी कि कहा जाए कि अब अयोध्या के राम मंदिर में रामायण से जुड़े हर पत्र के दर्शन हो सकेंगे।
राम मंदिर परिसर में 14 अन्य मंदिरों का भी निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। इनमें शामिल हैं:
भगवान गणेश
भगवान हनुमान
भगवान सूर्य
माता अन्नपूर्णा
भगवान शंकर
महर्षि वाल्मीकि
महर्षि वशिष्ठ
महर्षि अगस्त्य
महर्षि विश्वामित्र
निषाद राज
माता शबरी
देवी अहिल्या
3 से 5 जून, 2025: सभी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न होगी।
श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो।