मोदी ने कहा कि वैज्ञानिक और विशेषज्ञ गांवों का दौरा करेंगे और किसानों से सभी डेटा और जानकारी लेकर मिलेंगे। मोदी ने वैज्ञानिकों से इस अभियान को मिशन मोड में लेने और किसानों को कृषि में आधुनिक ज्ञान प्राप्त करने में मदद करने की अपील करते हुए कहा, यह अभियान निश्चित रूप से खेती की गतिविधियों की शुरुआत से पहले किसानों की मदद करेगा।
By: Prafull tiwari
May 29, 20259:58 PM
भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ देश भर के किसानों को अपने संशय दूर करने और अभियान के दौरान अपने क्षेत्रों का दौरा करने वाले कृषि वैज्ञानिकों से सवाल पूछने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। मोदी ने यह बात एक वीडियो संदेश में कही, जिसे ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में दिखाया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज ंिसह चौहान, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, वैज्ञानिक, किसान और अन्य लोग शामिल हुए।
गत 29 मई को शुरू किए गए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के संबंध में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के 700 जिलों के किसानों को मानसून की शुरुआत के बाद खरीफ फसल की खेती की तैयारी करते समय अपने संदेह दूर करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की 2,000 से अधिक टीम लैब टू लैंड की उनकी सोच और विकसित भारत की अवधारणा के तहत मिशन मोड में (29 मई से 12 जून तक) गांवों का दौरा करेंगी।
विकसित कृषि संकल्प अभियान प्रगति का नया द्वार
मोदी ने कहा कि वैज्ञानिक और विशेषज्ञ गांवों का दौरा करेंगे और किसानों से सभी डेटा और जानकारी लेकर मिलेंगे। मोदी ने वैज्ञानिकों से इस अभियान को मिशन मोड में लेने और किसानों को कृषि में आधुनिक ज्ञान प्राप्त करने में मदद करने की अपील करते हुए कहा, यह अभियान निश्चित रूप से खेती की गतिविधियों की शुरुआत से पहले किसानों की मदद करेगा। मोदी ने कहा, मैं वैज्ञानिकों और अन्य कर्मचारियों से कहना चाहूंगा कि यह उनके सामने एक बड़ा मिशन है। आप जो चुनौती ले रहे हैं, वह सिर्फ सरकारी काम नहीं है। कृपया इसे राष्ट्र की सेवा की भावना से करें। आपको किसानों की बौद्धिक जिज्ञासा को संतुष्ट करना है और उनके बहुमूल्य सुझावों को भी दर्ज करना है। मोदी ने कहा कि विकसित कृषि संकल्प अभियान भारतीय किसानों के लिए प्रगति का एक नया द्वार खोलेगा।
कृषि अपशिष्टों को धन में बदलने किया जाए जागरुक
पिछले दशक में कृषि क्षेत्र में काफी प्रगति होने का दावा करते हुए मोदी ने कहा कि यह सफलता खेत में काम करने वाले किसानों तक पहुंचनी चाहिए। उन्होंने कहा, हमने किसानों की आय बढ़ाने, कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों, कम पानी में खेती करने और खेती को आधुनिक बनाने पर काम किया है। ये अनुभव अब किसानों तक पहुंचने चाहिए। प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि किसानों को अपने खेतों में सौर ऊर्जा पैनल लगाने, मीठी क्रांति के तहत मधुमक्खी पालन, रसायन और कीटनाशकों के उपयोग के प्रभाव और कृषि अपशिष्टों को धन में बदलने के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
श्री अन्न की खेती के बारे में दी जानी चाहिए जानकारी
प्रधानमंत्री ने कहा, किसानों को बेहतर उत्पादन, गोवर्धन योजना और अन्य में शामिल करने के लिए ‘श्री अन्न’ की खेती कहां और कैसे करनी है, इस बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। इस अभियान को भारत सरकार की ओर से किसानों को कृषि क्षेत्र में किए जा रहे बदलावों के बारे में जागरूक करने और ‘विकसित कृषि’ के माध्यम से ‘विकसित भारत’ को प्राप्त करने के उद्देश्य से एक ‘आकांक्षी पहल’ बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं की प्राथमिकताओं के साथ-साथ कृषि बाजार भी तेजी से बदल रहा है।