मध्य प्रदेश की संभावित मुख्य सचिव दौड़ में शामिल रहीं आईएएस अल्का उपाध्याय को केंद्र से लूप लाइन पोस्टिंग मिली है। उन्हें पशुपालन एवं डेयरी विभाग से हटाकर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में सचिव बनाया गया है। इससे साफ है कि मध्यप्रदेश में मुख्य सचिव बनने की उनकी संभावनाओं पर ब्रेक लग गया है।
By: Arvind Mishra
Aug 24, 20253 minutes ago
भोपाल। स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश की संभावित मुख्य सचिव दौड़ में शामिल रहीं आईएएस अल्का उपाध्याय को केंद्र से लूप लाइन पोस्टिंग मिली है। उन्हें पशुपालन एवं डेयरी विभाग से हटाकर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में सचिव बनाया गया है। इससे साफ है कि मध्यप्रदेश में मुख्य सचिव बनने की उनकी संभावनाओं पर ब्रेक लग गया है। दरअसल, मध्यप्रदेश में मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर एक बार फिर सस्पेंस की स्थिति बनी हुई है। मौजूदा मुख्य सचिव अनुराग जैन 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें सेवा विस्तार मिलेगा या नया मुख्य सचिव नियुक्त किया जाएगा। यह तीसरी बार है जब प्रदेश में मुख्य सचिव के पद को लेकर आखिरी वक्त तक अनिश्चितता बनी हुई है। नवंबर 2022 में जब इकबाल सिंह बैस रिटायर हो रहे थे, तब उनके सेवा विस्तार को लेकर लंबे समय तक संशय रहा। रिटायरमेंट के आखिरी दिन ही उन्हें छह माह का विस्तार दिया गया। सितंबर 2023 में बैस के विस्तार की अवधि पूरी होने से पहले ही वीरा राणा को प्रभारी मुख्य सचिव बनाया गया। हालांकि राणा को भी तीन हफ्ते पहले ही छह माह का विस्तार मिल गया। सितंबर 2024 में जब राणा का कार्यकाल खत्म हुआ, उसी दिन अनुराग जैन को मुख्य सचिव नियुक्त किया गया। अब ठीक वही स्थिति जैन के मामले में भी दिखाई दे रही है। फैसला रिटायरमेंट के दिन ही सामने आएगा।
यदि मौजूदा मुख्य सचिव अनुराग जैन को सेवा विस्तार नहीं मिलता है तो प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया के पद के लिए तीन वरिष्ठ आईएएस अफसरों के नाम चर्चा में थें। इसमें से 1990 बैच की अलका उपाध्याय को केंद्र ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का सचिव बना दिया है। ऐसे में अब उनके सीएस की रेस से बाहर होनेकी अटकलें लगाई जा रही है। फिलहाल सबसे मजबूत दावेदारों में 1990 बैच के डॉ. राजेश राजौरा, 1991 बैच के अशोक बर्णवाल शामिल हैं।
अपर मुख्य सचिव जल संसाधन डॉ. राजेश राजौरा इस पद की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं। वे मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर सचिव रह चुके हैं और उज्जैन संभाग, जो सीएम का गृह क्षेत्र है, के प्रभारी भी रह चुके हैं। राजौरा कृषि, गृह, उद्योग, परिवहन और उद्यानिकी जैसे अहम विभागों का जिम्मा संभाल चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने धार, बालाघाट, उज्जैन और इंदौर में कलेक्टर तथा झाबुआ में एडीशनल कलेक्टर के रूप में भी काम किया है।
अपर मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण अशोक बर्णवाल का नाम भी इस पद की दौड़ में है। वे गुना, देवास और शहडोल में कलेक्टर रह चुके हैं। बर्णवाल ने वन, खाद्य प्रसंस्करण, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण विभाग सहित कई अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं। शिवराज सरकार के समय वे मुख्यमंत्री कार्यालय का संचालन भी कर चुके हैं और उनकी छवि एक तेजतर्रार अधिकारी की रही है।