Lifestyle, अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि ठंड के दिनों में जोड़ों से संबंधित समस्याएं तेजी से बढ़ने लगती हैं। इसके पीछे का एक बड़ा कारण है शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना। जैसे ही तापमान गिरना शुरू होता है, यूरिक एसिड के मरीजों की समस्याएं तेजी से बढ़ने लगती हैं।
By: Manohar pal
Nov 06, 20256:01 PM
अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि ठंड के दिनों में जोड़ों से संबंधित समस्याएं तेजी से बढ़ने लगती हैं। इसके पीछे का एक बड़ा कारण है शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना। जैसे ही तापमान गिरना शुरू होता है, यूरिक एसिड के मरीजों की समस्याएं तेजी से बढ़ने लगती हैं। सर्दियों में शरीर में अचानक यूरिक एसिड बढ़ने के पीछे कई जीवनशैली से जुड़े कारण हो सकते हैं, लेकिन उसके पहले ये जानते हैं कि यूरिक एसिड होता क्या है?
यूरिक एसिड एक प्राकृतिक अपशिष्ट उत्पाद है जो प्यूरीन नामक पदार्थों के टूटने से बनता है। सामान्य तौर पर, किडनी इसे फिल्टर करके शरीर से बाहर निकाल देती है, लेकिन सर्दियों में हमारी आदतें बदल जाती हैं, जिससे ये शरीर में बढ़ने लगता है। अक्सर इस मौसम में लोग पानी पीना कम कर देते हैं, जिससे शरीर में डिहाइड्रेशन होता है। किडनी को कम पानी मिलने के कारण वह यूरिक एसिड को अच्छे से बाहर नहीं निकाल पाती।
इसके अलावा ठंड के कारण शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है और वजन बढ़ने लगता है। साथ ही गरमाहट के लिए लोग प्यूरीन से भरपूर चीजें (जैसे रेड मीट, अधिक तेल-मसाले वाले भोजन) खाना शुरू कर देते हैं। ये सभी कारक मिलकर शरीर में यूरिक एसिड को जमा करते हैं, जिससे जोड़ों में तेज दर्द और गाउट का खतरा बढ़ जाता है। आइए इससे बचने के कुछ उपायों के बारे में जानते हैं जिससे आप शरीर में यूरिक एसिड का संतुलन बनाए रख सकते हैं।
पानी की कमी और किडनी पर दबाव
सर्दियों में प्यास कम लगने के कारण लोग अक्सर कम पानी पीते हैं, जिससे शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) हो जाती है। जब शरीर में पानी कम होती है, तो किडनी को यूरिक एसिड को घोलकर बाहर निकालने में मुश्किल होती है।
इससे यूरिक एसिड रक्त में जमा होने लगता है और क्रिस्टल के रूप में जोड़ों में जमा हो जाता है, जो गाउट के अटैक का सबसे बड़ा कारण बनता है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेना बहुत जरूरी होता है।
आहार में प्यूरीन का बढ़ना और कसरत की कमी
ठंड के दिनों में अक्सर लोग रेड मीट, समुद्री भोजन, और तेल व मसालों से भरपूर भोजन अधिक खाते हैं, इनमें प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है। इसके साथ ही, ठंड और आलस की वजह से शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है।
प्यूरीन वाले खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन और कसरत की कमी, दोनों मिलकर शरीर में यूरिक एसिड तेजी से बढ़ाने लगते हैं। इसलिए इन चीजों को सीमित मात्रा में खाना चाहिए, साथ ही अपनी दिनचर्या में सक्रिय रहने के लिए कसरत भी करना चाहिए।
यूरिक एसिड से बचाव के सरल उपाय
यूरिक एसिड का संतुलन बनाए रखने के लिए सबसे पहले सुबह उठकर गुनगुना पानी पीएं और हर्बल चाय पीने की आदत डालें। डाइट में प्यूरीन युक्त भोजन (जैसे कुछ तरह की दालें, रेड मीट) को सीमित करें। चेरी और नींबू पानी का सेवन यूरिक एसिड को बेअसर करने में सहायक माना जाता है। प्रोसेस्ड फूड्स और शराब का सेवन भी पूरी तरह से बंद करें।
जीवनशैली में बदलाव
सर्दियों में भी नियमित और हल्का व्यायाम जारी रखें। जॉगिंग के बजाय घर के अंदर योग, स्ट्रेचिंग या हल्की वॉक करें ताकि शरीर सक्रिय रहे। अगर जोड़ों में दर्द है, तो प्रभावित जगह की हल्की सिकाई करें। यदि आपको गाउट का अटैक महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और डॉक्टर की सलाह के बिना दर्द निवारक दवाएं न लें।
नोट: यह लेख योग विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी योग गुरु से संपर्क कर सकते हैं। गर्भावस्था में योग को लेकर डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।