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कर्ज में मध्यप्रदेश... दो किस्त में फिर सरकार लेगी 5,200 करोड़ लोन

मध्यप्रदेश कर्ज के दलदल में फंसता जा रहा है। राज्य सरकार विकास और लाड़ली बहना और किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं को निरंतर बनाए रखने के लिए लगातार कर्ज पर कर्ज ले रही है। एक बार फिर सरकार 5,200 करोड़ का नया उधार लेने जा रही है। कहा जा रहा है कि यह कर्ज दो हिस्सों में आएगा।

By: Arvind Mishra

Oct 28, 20252:55 PM

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कर्ज में मध्यप्रदेश... दो किस्त में फिर सरकार लेगी 5,200 करोड़ लोन

देव उठनी एकादशी एक नवंबर मप्र स्थापना दिवस के पहले 5200 करोड़ का कर्ज सरकार ले रही है।

  • पैसा विकास कार्यों और योजनाओं पर खर्च होगा
  • वित्त वर्ष में उधार 42,600 करोड़ तक पहुंचेगा
  • प्रदेश पर कुल कर्ज बोझ 4.64 लाख करोड़ होगा

भोपाल। स्टार समाचार वेब

मध्यप्रदेश कर्ज के दलदल में फंसता जा रहा है। राज्य सरकार विकास और लाड़ली बहना और किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं को निरंतर बनाए रखने के लिए लगातार कर्ज पर कर्ज ले रही है। एक बार फिर सरकार 5,200 करोड़ का नया उधार लेने जा रही है। कहा जा रहा है कि यह कर्ज दो हिस्सों में आएगा। पहला 2,700 करोड़ और दूसरा 2,500 करोड़। ये वित्त वर्ष 2024-25 के 20वें और 21वें उधार के रूप में दर्ज होंगे। इसके बाद इस साल का कुल कर्ज 42,600 करोड़ हो जाएगा। पहली किस्त अक्टूबर 2046 तक और दूसरी 2047 तक ब्याज के साथ चुकानी होगी। 

20247 तक भरेगी सरकार

सरकार द्वारा लिए जा रहे इस कर्ज के बाद चालू वित्त वर्ष में कुल कर्ज 42600 करोड़ का हो जाएगा। कर्ज की 2700 करोड़ की पहली राशि 21 साल के लिए होगी जिसका ब्याज के रूप में भुगतान अक्टूबर 2046 तक होगा। इसी तरह दूसरा 2500 करोड़ का कर्ज 22 साल के लिए होगा जिसका भुगतान अक्टूबर 2047 तक सरकार ब्याज के रूप में करेगी।

स्थापना दिवस से पहले कर्ज

सरकार द्वारा कहा गया है कि केंद्र ने आरबीआई के माध्यम से लिए जाने वाले कर्ज की यह राशि कैपिटल एक्सपेंडिचर आन प्रोडक्टिव स्कीम के लिए मंजूर की है। ये स्कीम सिंचाई परियोजनाएं, सिंचाई और पावर प्रोजेक्ट्स, कम्युनिटी डेवलपमेंट्स प्रोजेक्ट्स आदि रूपों में संचालित हैं। देव उठनी एकादशी एक नवंबर मप्र स्थापना दिवस के पहले 5200 करोड़ का कर्ज सरकार ले रही है।

एक अक्टूबर को लिया था तीन हजार करोड़

सरकार ने दशहरा पर्व के पहले एक अक्टूबर को तीन हजार करोड़ का कर्ज लिया था। सरकार ने 30 सितम्बर को इसके लिए आॅक्सन किया था जो सितम्बर माह में लिया गया तीसरा कर्ज था। इसके पूर्व 9 सितंबर को चार हजार करोड़ के तीन कर्ज लिए गए थे जबकि 23 सितंबर को 1500-1500 करोड़ के दो कर्ज लिए गए। अब लिए जा रहे कर्ज के बाद सरकार पर मौजूदा कर्ज 464340 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा।

लोन लेने की लिमिट बरकरार

सरकार ने अपनी रेवेन्यू को लेकर कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार 12487.78 करोड़ के रेवेन्यू सरप्लस में थी। इसमें आमदनी 234026.05 करोड़ और खर्च 221538.27 करोड़ रहा। इसके विपरीत वित्त वर्ष 2024-25 में प्रदेश सरकार की रिवाइज्ड आमदनी 262009.01 करोड़ और खर्च 260983.10 करोड़ बताया है। इस तरह पिछले वित्त वर्ष में भी सरकार की आय 1025.91 करोड़ सरप्लस बताई गई है। जो भी लोन लिया जा रहा है वह लोन की लिमिट के भीतर है।

कब-कब लिया कर्ज

  • 30 सितंबर को 1500-1500 करोड़ के दो कर्ज लिए गए थे जिसका भुगतान एक अक्टूबर को हुआ। यह कर्ज 20 साल और 23 साल की अवधि के लिए हैं।
  • 23 सितंबर को 1500-1500 करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए गए हैं जो 18 साल और 21 साल की अवधि के हैं।
  • नौ सितंबर को तीन कर्ज लिए गए थे जो 1500-1500 करोड़ तथा एक हजार करोड़ के थे। यह कर्ज 17 साल, 19 साल और 20 साल की अवधि के लिए हैं।
  • 26 अगस्त को मोहन सरकार ने 2500 करोड़ और 2300 करोड़ के दो कर्ज लिए थे। यह लोन 20 साल और 18 साल की अवधि के लिए हैं।
  • 5 अगस्त को 3 कर्ज लिए थे,पहला कर्ज 1600 करोड़ का था। दूसरा कर्ज 1400 करोड़ और तीसरा कर्ज 1000 करोड़ रुपए का था।  
  • 30 जुलाई को 4300 करोड़ के दो कर्ज लिए। दोनों ही कर्ज 17 साल और 23 साल के लिए आरबीआई के माध्यम से लिए गए।  

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