फर्जीवाड़ा करने वाले प्रभारी सीईओ राम कुशल मिश्रा पर एफआईआर भी दर्ज कराई जा सकती है। साथ ही गबन की गई राशि की वसूली भी सरकार करेगी। दरअसल, मऊगंज जनपद पंचायत में 43 लाख रुपए से अधिक का फर्जी भुगतान कराने का मामला इन दिनों सुर्खियां बटोर रहा है।
By: Arvind Mishra
Jul 14, 2025just now
-पीसीओ पर दर्ज होगा केस और राशि भी वसूलेगी सरकार
-आनन-फानन में मुख्यमंत्री के यहां बनी नोट शीट ए-प्लस
-जल्द होगी नए मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पदस्थापना
-जनपद में 43 लाख के फर्जी भुगतान के मामले ने पकड़ा तूल
-जनपद सदस्यों ने खोला मोर्चा, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
भोपाल। स्टार समाचार वेब
मध्यप्रदेश की मऊगंज जनपद पंचायत का फर्जीवाड़ा अब सीएम हाउस तक पहुंच गया है। जहां सरकार अब सख्त एक्शन लेने जा रही है। सीएम डॉ. मोहन यादव के महत्वाकांक्षी जल गंगा संवर्धन अभियान में लाखों रुपए के भ्रष्टाचार की भनक लगते ही मऊगंज से राजधानी भोपाल तक हलचल मच गई। जहां आनन-फानन में सीएमओ आॅफिस में ए-प्लस की नोट शीट बनाई गई है। साथ ही यह भी कहा गया है कि मऊगंज जनपद में जल्द ही नए और स्थाई मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पदस्थापना होगी।
यही नहीं, फर्जीवाड़ा करने वाले प्रभारी सीईओ राम कुशल मिश्रा पर एफआईआर भी दर्ज कराई जा सकती है। साथ ही गबन की गई राशि की वसूली भी सरकार करेगी। दरअसल, मऊगंज जनपद पंचायत में 43 लाख रुपए से अधिक का फर्जी भुगतान कराने का मामला इन दिनों सुर्खियां बटोर रहा है। वहीं जनपद के सदस्यों ने भी प्रभारी सीईओ राम कुशल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यही नहीं, फर्जीवाड़े का मामला मऊगंज कलेक्टर संजय कुमार जैन के संज्ञान में भी जनपद सदस्यों ने पहुंचा दिया है। जनपद सदस्यों ने कलेक्टर से निष्पक्ष जांच के साथ दोषी अफसर पर सख्त कार्रवाई की मांग भी की है। इससे पहले भी प्रभारी सीईओ मिश्रा की शिकायत रीवा कमिश्नर, आयुक्त पंचायत राज, पंचायत मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल से भी की जा चुकी है।
43 लाख का फर्जी भुगतान
जनपद उपाध्यक्ष राजेश पटेल उर्फ डॉ. पप्पू ने शिकायती आवेदन में बताया कि जनपद पंचायत मऊगंज में पदस्थ प्रभारी पीसीओ, प्रभारी बीपीओ एवं प्रशासनिक सीईओ राम कुशल मिश्रा और प्रभारी सीईओ एबी खरे की मिलीभगत से 43 लाख रुपए का फर्जी भुगतान किया गया है।
लंच पैकेट में घोटाला
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में लंच पैकेट वितरण के लिए जारी किए गए टेंडर में जिस एजेंसी को भुगतान होना था, उसकी जगह एमकेएस नामक संस्था के खाते में 20,21,915 रुपए का फर्जी भुगतान किया गया। यह भुगतान प्रशासनिक सीईओ राम कुशल मिश्रा द्वारा कराया गया। इसी तरह प्रदीप इंटरप्राइजेज को 9,43,580 रुपए और अन्य कई एजेंसियों को भी फर्जी तरीके से भुगतान कराया गया है।
कलेक्टर ने बैठाई जांच
इधर, कलेक्टर संजय कुमार ने जनपद सदस्यों को आश्वस्त दिया है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्षता के साथ जांच कराई जाएगी। फर्जी भुगतान संबंधी जांच जिला पंचायत रीवा के सीईओ से कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
गरीबों के हक पर डाका
जनपद पंचायत मऊगंज में पदस्थ प्रभारी पीसीओ एवं प्रशासनिक सीईओ राम कुशल मिश्रा के कारनामो की फेहरिस्त बहुत लंबी है। कमीशन के चक्कर में हजारों गरीब पीएम आवास का आवेदन तक नहीं कर पाए। यहां तक कि जब पंचायत से लोगों के आवेदन हो जाएं तो जनपद में बैठे मिश्रा निरस्त करा देते थे। दरअसल, रामकुशल ने स्थानीय होने का खूब फायदा उठाया।
नियुक्ति पर बड़ा सवाल
रामकुशल मिश्रा जनपद में पीसीओ के पद पर तैनात हैं। जो कहीं से भी सीईओ के प्रभारी नहीं बनाए जा सकते, लेकिन मिलीभगत करके सीईओ का प्रभार हासिल कर लिया। इसके बाद करप्शन का खेल शुरू कर दिया। इसके पहले भी कई बार मिश्रा भ्रष्टाचार के चलते सुर्खियों में रहे हैं। मऊगंज जनपद में 82 ग्राम पंचायत हैं। जहां बगैर मिश्रा की अनुमति के पत्ता भी नहीं हिलता।