हर नागरिक अपने भूले हुए वित्तीय साधनों को आसानी से वापस पा सके। यह एक मौका है अपने भूले हुए पैसे को नए अवसर में बदलने का। इसके साथ ही उन्होंने कहा- मैं लोगों से आह्वान करता हूं कि वे आपका पैसा, आपका अधिकार अभियान में जरूर भाग लें।
By: Arvind Mishra
Dec 10, 202512:20 PM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
केंद्र सरकार की आपका पैसा, आपका अधिकार पहल के तहत देशभर के नागरिकों के भूले-भटके वित्तीय दावों की वापसी तेजी से जारी है। अक्टूबर-2025 में शुरू हुई योजना के तहत अब तक 2,000 करोड़ रुपए मालिकों को लौटाए जा चुके हैं। यह बात पीएम नरेंद्र मोदी ने आज यानी बुधवार को अपने एक्स पर पोस्ट में कहा। उन्होंने लिखा-यह अभियान इसलिए शुरू किया गया है ताकि हर नागरिक अपने भूले हुए वित्तीय साधनों को आसानी से वापस पा सके। यह एक मौका है अपने भूले हुए पैसे को नए अवसर में बदलने का। इसके साथ ही उन्होंने कहा- मैं लोगों से आह्वान करता हूं कि वे आपका पैसा, आपका अधिकार अभियान में जरूर भाग लें।
चौंकाने वाला आंकड़ा
पीएम ने कहा-देश के विभिन्न वित्तीय संस्थानों में सार्वजनिक धन की एक बड़ी राशि बिना दावे के पड़ी हुई है। भारतीय बैंकों के पास 78,000 करोड़ की लावारिस राशि पड़ी है, जबकि बीमा कंपनियों के पास लगभग 14,000 करोड़ की लावारिस राशि है। इसके अतिरिक्त, म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास लगभग 3,000 करोड़ और 9,000 करोड़ रुपए के लाभांश भी लावारिस पड़े हैं। पीएम ने कहा-इन आंकड़ों ने बहुत से लोगों को चौंका दिया है। आखिरकार, ये परिसंपत्तियां अनगिनत परिवारों की कड़ी मेहनत से अर्जित बचत और निवेश का प्रतिनिधित्व करती हैं।
धन वापसी के लिए बनाए पोर्टल
धन वापसी की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए, सरकार और नियामक निकायों ने नागरिकों को अपने धन को ट्रैक करने और उस पर दावा करने में मदद करने के लिए समर्पित पोर्टल बनाए हैं। इनमें भारतीय रिजर्व बैंक का पोर्टल, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण का बीमा भरोसा पोर्टल, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड का पोर्टल और कॉपोर्रेट मामलों के मंत्रालय का पोर्टल शामिल हैं।
जिलों में लगाए गए शिविर
प्रधानमंत्री ने कहा- देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के 477 जिलों में सुविधा शिविरों का आयोजन किया गया है, जिसमें दूरदराज के क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है ताकि अधिकतम कवरेज और पहुंच सुनिश्चित की जा सके। सरकार, नियामक निकायों, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के समन्वित प्रयासों से 2,000 करोड़ रुपए पहले ही नागरिकों को वापस लौटाए जा चुके हैं।