श्यामशाह मेडिकल कॉलेज रीवा में नर्सिंग छात्राओं ने ENT विभाग के डॉक्टर पर अभद्र व्यवहार और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। 80 छात्राओं ने लिखित शिकायत दी, जिसके बाद एबीवीपी ने डॉक्टर को बर्खास्त करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। जांच रिपोर्ट आने तक छात्राओं ने ड्यूटी से इंकार कर दिया है।
By: Star News
Jul 09, 20253 hours ago
80 नर्सिंग छात्राओं ने लगाया डॉक्टर पर प्रताडऩा का आरोप
रीवा, स्टार समाचार वेब
श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता को एक चिकित्सक के खिलाफ नर्सिंग छात्राओं द्वारा दी गई लिखित शिकायत के बाद मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मेडिकल कॉलेज में प्रदर्शन किया। दरअसल गांधी मेमोरियल अस्पताल के ईएनटी विभाग में पदस्थ डॉ. मोहम्मद अशरफ द्वारा बीएससी नर्सिंग की छात्राओं के साथ अभद्र व्यवहार किया गया था। पूरे मामले की शिकायत प्रभारी प्राचार्य नर्सिंग महाविद्यालय द्वारा मेडिकल कॉलेज के डीन से की गई थी। पूरे मामले की जांच के लिए डीन द्वारा कमेटी भी बना दी गई है। बहरहाल अभी तक चिकित्सक पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई है। मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने डीन कार्यालय में जमकर हंगामा किया एवं डॉ. अशरफ को निलंबित करने की मांग की।
छात्राओं ने किया ड्यूटी से इंकार
मेडिकल कॉलेज अधीनस्थ गांधी मेमोरियल अस्पताल के ईएनटी विभाग में पदस्थ डॉ. मोहम्मद अशरफ द्वारा नर्सिंग महाविद्यालय की छात्राओं से किए गए अभद्र व्यवहार के बाद 80 छात्राओं द्वारा लिखित शिकायत प्राचार्य को दी गई थी। इस दौरान उन्होंने आॅपरेशन थिएटर सहित चिकित्सक की देखरेख में होने वाले कार्यों में सहयोग करने से इंकार किया था। छात्राओं द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा यह कदम अधिक प्रताड़ित होने पर उठाया गया है।हालांकि नर्सिंग महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य ने डॉ. अशरफ द्वारा की गई हरकत की शिकायत डीन को देते हुए स्पष्ट लिखा है कि छात्राएं चिकित्सक से खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। ऐसे में छात्राओं को ईएनटी विभाग में जाने से रोक दिया है।
जांच रिपोर्ट आने तक छात्राएं नहीं देंगी सेवाएं
नर्सिंग महाविद्यालय में अध्ययनरत बीएससी द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की नर्सिंग छात्राओं के साथ ईएनटी चिकित्सक अशरफ द्वारा किए गए अभद्र व्यवहार के बाद डीन डॉ. सुनील अग्रवाल ने जांच दल गठित कर रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने को कहा है। वहीं छात्राओं ने जांच रिपोर्ट आने तक ईएनटी विभाग में सेवाएं नहीं देने की बात कही है। आलम यह है कि नर्सों द्वारा लिए गए इस निर्णय के बाद मरीजों की परेशानी बढ़ेगी। यहां पर यह बता दें कि जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आती ईएनटी चिकित्सक को डीन द्वारा कार्य से बाहर रखा जाता। ऐसी स्थिति में छात्राएं भी सेवाएं देतीं और मरीजों को भी परेशानी नहीं होती।