इसरो 15 दिसंबर-2025 को श्रीहरिकोटा से अपना सबसे भारी अमेरिकी कॉमर्शियल कम्युनिकेशन सैटेलाइट 6.5 टन वजनी ब्लू-बर्ड-6 लॉन्च करेगा। यह लॉन्चिंग से भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
By: Arvind Mishra
Dec 11, 202511:45 AM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
इसरो 15 दिसंबर-2025 को श्रीहरिकोटा से अपना सबसे भारी अमेरिकी कॉमर्शियल कम्युनिकेशन सैटेलाइट 6.5 टन वजनी ब्लू-बर्ड-6 लॉन्च करेगा। यह लॉन्चिंग से भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। इसरो का बाहुबली रॉकेट एलवीएम-3 इस अमेरिकी उपग्रह को अंतरिक्ष में स्थापित करेगा। टेक्सास की कंपनी एएसटी स्पेस मोबाइल ने यह उपग्रह बनाया है। यह कंपनी अंतरिक्ष-आधारित सेलुलर ब्रॉडबैंड नेटवर्क विकसित कर रही है। एएसटी स्पेस मोबाइल ने बयान जारी कर कहा-ब्लू-बर्ड-6, एक अमेरिकी लाइसेंस वाला उपग्रह है, जिसे 15 दिसंबर को लॉन्च किया जाएगा। यह एएसटी स्पेस मोबाइल के अगली पीढ़ी के उपग्रहों में पहला है। लॉन्च होने पर, इसमें लगभग 2,400 वर्ग फुट का लो अर्थ आर्बिट में सबसे बड़ा वाणिज्यिक फेज्ड ऐरे होगा। यह ब्लू-बर्ड्स 1-5 की तुलना में आकार में 3.5 गुना बड़ा है और दस गुना अधिक डेटा कैपेसिटी रखता है।
ब्लू-बर्ड-6 एक ब्लॉक-2 उपग्रह
ब्लू-बर्ड-6 एक ब्लॉक-2 उपग्रह है। एएसटी स्पेस मोबाइल की योजना ऐसे कई उपग्रहों को लॉन्च करके लगातार सेवा प्रदान करने की है। 2026 तक और उपग्रह लॉन्च करने की योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य उन जगहों पर तेज, निर्बाध डायरेक्ट-टू-डिवाइस मोबाइल ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान करके डिजिटल डिवाइड को पाटना है जहां मोबाइल नेटवर्क कवरेज खराब है या बिल्कुल नहीं है।
10 हजार मेगा हर्ट्ज की क्षमता
ब्लू-बर्ड उपग्रहों को बहुत अधिक बैंडविड्थ देने के लिए डिजाइन किया गया है। हर उपग्रह 10,000 मेगाहर्ट्ज तक की क्षमता रखता है। ये मौजूदा मोबाइल नेटवर्क कंपनियों के साथ साझेदारी करके काम करते हैं। वे लाइसेंस प्राप्त स्पेक्ट्रम का उपयोग करके उनके नेटवर्क को बेहतर बनाते हैं। ब्लू-बर्ड-6 उपग्रह 19 अक्टूबर को अमेरिका से भारत लाया गया था। इसके बाद इसे सड़क मार्ग से श्रीहरिकोटा ले जाया गया। वहां इसे छश्ट3 लॉन्चर के साथ जोड़ा गया, ईंधन भरा गया और लॉन्च से पहले अंतिम जांच की गई।