सतना-मानिकपुर रेलखंड के मझगवां स्टेशन से RPF पोस्ट हटाए जाने से जैतवारा से लेकर बारामाफी तक के नागरिकों में भारी आक्रोश है। कभी दस्यु घटनाओं से दहले इस क्षेत्र में RPF की मौजूदगी ने वर्षों की शांति दी थी। अब पोस्ट हटाने से रेल यात्रियों व कर्मियों की सुरक्षा खतरे में है। स्थानीय नेताओं और समाजसेवियों ने विरोध की चेतावनी दी है।
By: Yogesh Patel
दस्यु वारदातों से दहलता था सतना-मानिकपुर रेलखंड, रेल कर्मी भी बनते थे शिकार, लोगों ने कहा मुसाफिरों की जिंदगी दांव पर लगा रहा रेलवे
मझगवां, स्टार समाचार वेब
सतना-मानिकपुर रेलखंड स्थित जिस मझगवां स्टेशन से बीते दिनों एक पत्र जारी कर आरपीएफ पोस्ट छीन ली गई है , वह मझगवां स्टेशन ही नहीं बल्कि उससे जुड़े जैतवारा, चितहरा, इटवां डुंडैली,टिकरिया, मारकुंडी, बांसापहाड़ व मानिकपुर स्टेशन शाम ढलते ही दस्यु वारदातों से दहलने लगते थे। बांसा पहाड़ व जैतवारा में ट्रेन लूट, टिकरिया रेलवे फाटक में अपहरण, इटवां डुंडैली में रेलकर्मियों से मारपीट समेत घटी कई वारदातें घटी। जैतवारा स्टेशन व मानिकपुर के आगे पनहाई स्टेशन में कामायनी एक्सप्रेस में घटी कामायनी एक्सप्रेस में लूट व रूसी महिला की हत्या की घटना ने राष्टÑीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बिखेरी थीं। ऐसा नहीं है कि वारदातें केवल ट्रेन में यात्रियों के साथ घटती थी बल्कि दस्यु वारदातों का शिकार जमीनी काम करने वाले गैंगमैन व ट्रैकमैन जैसे रेलकर्मी भी बनते थे जिनका फिरौती के लिए अपहरण कर लिया जाता था। उस दौरान ऐसी कई वारदातों ने इस रेल सेक्शन को भारतीय रेल के सबसे असुरक्षित रेल ट्रैक की श्रेणी में ला खड़ा किया था जिसके बाद यहां आरपीएफ थाना बनाने पर सहमति बनी और आरपीएफ पोस्ट को सशक्त किया गया।इसके सकारात्मक नतीजे निकले और वारदातों में पोस्ट खुलने के बाद रोकथाम लगी, लेकिन अब पोस्ट बंद करने के निर्णय ने पुन: इस रेलखंड के रेल यात्रियों व रेलकर्मियों के चेहरों पर चिंता की लकीरें उकेर दी है। बेशक आरपीएफ पोस्ट मझगवां का बंद करने का निर्णय हुआ है लेकिन इसको लेकर जैतवारा , चितहरा स्टेशन से लेकर बारामाफी तक के रहवासियों में आक्रोश है।
रेल अपराधियों का सेफ बायपास था मझगवां स्टेशन
सतना-इलाहाबाद और जबलपुर-मानिकपुर रेल सेक्शन में ट्रेनों में चोरी, लूट व डकैती की वारदात को अंजाम देने वाले रेल अपराधियों के लिए मझगवां एक सेफ बायपास बन गया था। रेल अपराधी ट्रेनों में अपराध करते थे और सुरक्षा विहीन मझगवां स्टेशन में उतरकर न केवल सड़क मार्ग से अपने सुरक्षित ठीहों पर उतर जाते थे बल्कि मझगवां कस्बे की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन जाते थे। उस दौरान ऐसे कई अपराधी मझगवा में पकड़े भी गए थे जो अपराध के बाद रेल मार्ग को सुरक्षित समझकर मझगवां स्टेशन में उतर जाते थे। ऐसे ही रेल अपराधियों द्वारा उस दोरान मझगवां में अंजाम दी गई एक व्यवसायी के अपहरण की घटना अभी भी मझगवां के वाशिंदों के जेहन में कैद है।
सांसद से आस
क्षेत्रवासियों ने अपेक्षा के साथ इस बात की उम्मीद जताई है कि सतना-मानिकपुर रेलखंड की सुरक्षा को देखते हुए उम्मीद जताई है कि सांसद गणेश सिंह जबलपुर से लेकर दिल्ली तक उच्चस्तरीय रेल प्रबंधन से चर्चा करते हुए इस मसले का हल निकालेंगे। चूंकि मझगवां रेलवे स्टेशन के विकास में सांसद का अहम योगदान रहा है, तथा उन्ही कीपहल पर बैरक तक की योजन बनी, ऐसे में मझगवांवासियों ने श्री सिंह से अपेक्षा की है कि इस मर्तबा चौकी नहीं थाने की पहल कर इस क्षेत्र से गुजरने वाले रेलयात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करेंगे।
यहां से कई बड़े-बड़े ऐसे अपराधी पूर्व में पकड़े जा चुके हैं जो सतना-इलाहाबाद या जबलपुर-सतना-मझगवां के बीच ट्रेनों में वारदातें कर मझगवां में उतर जाते थे। आरपीएफ पोस्ट बनने के बाद इस पर अंकुश लगा था। अब मझगवां रेल अपराधियों के लिए फिर सेफ जोन बन जाएगा।
राजकुमार गुप्ता, वरिष्ठ समाजसेवी मझगवां
रेल प्रशासन का यह निर्णय हैरान कर देने वाला है। जब दस्यु गिरोह का मूवमेंट पुन: सामने आ रहा हो तो मझगवां आरपीएफ पोस्ट को बंद करना इस रेलखंड की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगाता है। हम इसका विरोध करेंगे और आवश्यकता पड़ी तो आंदोलन किया जाएगा।
बृजेश पयासी, उपाध्यक्ष नगर पंचायत
वर्ष 2010 में क्षेत्रीय जनता के आंदोलन के बाद आरपीएफ थाने पर सहमति बनी थी और तत्कालिक अपराध नियंत्रण के लिए आरपीएफ पोस्ट खोला गया था जिसे बंद कर दिया गया है। 3 दिन में सकारात्मक नतीजे न आए तो रेल अधिकारियों के इस तुगलकी आदेश के विरूद्ध आंदोलन किया जाएगा।
अवध बिहारी मिश्र, आंदोलनकारी
मझगवां स्टेशन से आरपीएफ पोस्ट को हटकार सतना-मानिकपुर रेल सेक्शन की सुरक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ किया जा रहा है।लंबे अरसे से आरपीएफ की मौजूदगी से शांति थी। अब शाम ढलने के बाद स्टेशन जाने में भीडर लगेगा। हम इसके लिए होने वाले किसी भी आंदोलन का समर्थन करते हैं।
रामराज सिंह, सेवानिवृत्त शिक्षक मझगवां
मझगवां स्टेशन का आरपीएफ पोस्ट बंद करना बताता है कि रेल प्रबंधन को मुसाफिरों से किराया तो चाहिए लेकिन उनकी सुरक्षा की फिक्र रेलवे को नहीं है। दलीय राजनीति से ऊपर उठकर हर दल के लोगों को मुंबई-हावड़ा रेलखंड के इस सेक्शन की सुरक्षा के लिए आंदोलन करना होगा।
विजय सिंह, पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत मझगवां