चक्रवात मोन्था आंध्र प्रदेश के काकीनाडा से गुजरकर बुधवार सुबह ओडिशा के गंजम में गोपालपुर बीच पर पहुंच गया है। गंजम के समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं और 80-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है। लैंडफॉल के बावजूद अगले 6 घंटों तक इसका असर रहेगा।
By: Arvind Mishra
Oct 29, 202510:15 AM

अमरावती। स्टार समाचार वेब
चक्रवात मोन्था आंध्र प्रदेश के काकीनाडा से गुजरकर बुधवार सुबह ओडिशा के गंजम में गोपालपुर बीच पर पहुंच गया है। गंजम के समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं और 80-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है। लैंडफॉल के बावजूद अगले 6 घंटों तक इसका असर रहेगा। आंध्र के बाद ओडिशा के 8 जिले गंजम, गजपति, रायगढ़ा, कोरापुट, मलकानगिरी, कंधमाल, कालाहांडी और नबरंगपुर में मोन्था के चलते भारी बारिश और आंधी चल सकती है। दरअसल, चक्रवाती तूफान मोंथा आंध्र प्रदेश की तटों को पार कर ओडिशा की ओर बढ़ गया है। इस तूफान का असर ओडिशा के कई जिलों में देखने को मिला। इस तूफान के कारण कुल 15 जिलों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुई है। हालांकि मौसम विभाग ने कहा है कि मोंथा तूफान धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है और जो अनुमान लगाए गए थे उससे इसकी तीव्रता बेहद कम है।
1 की मौत, 2 घायल
मोंथा तूफान की वजह से कम से कम एक शख्स की मौत हो गई है। कोनासीमा जिले में एक बुजुर्ग महिला के घर पर पेड़ गिरने से उनकी मौके पर मौत हो गई। इसके अलावा तेज हवाओं के कारण नारियल के पेड़ उखड़ने से एक लड़का और एक आटो चालक घायल हो गए।
कब पहुंचा मोंथा
मौसम विभाग ने कहा कि शाम लगभग 7 बजे तूफान के आने की प्रक्रिया शुरू हुई। विभाग ने कहा कि यह मौसम प्रणाली मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के आसपास आंध्र प्रदेश के तट को पार करते हुए निकल गई। आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले के काकीनाडा, कृष्णा, एलुरु, पूर्वी गोदावरी, पश्चिमी गोदावरी, डॉ. बी.आर. अंबेडकर कोनासीमा, तथा चिंतुरू और रामपचोदवरम संभागों में चक्रवात का सबसे अधिक प्रभाव देखा जा रहा है।
22 जिले प्रभावित होने की आशंका
राज्य सरकार ने मंगलवार रात 8.30 बजे से बुधवार सुबह 6 बजे तक इन सात जिलों में सभी वाहनों की आवाजाही स्थगित करने का आदेश दिया है। चक्रवात के राज्य भर के 22 जिलों के 403 मंडलों को प्रभावित करने की आशंका है। आईएमडी ने चेतावनी दी है कि चक्रवात निचले और जलमग्न क्षेत्रों में खड़ी धान और सब्जियों की फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे जहां तक संभव हो, खेतों से अतिरिक्त पानी निकाल दें।
बचाव में जुटी सरकार
निर्बाध आपातकालीन संचार सुनिश्चित करने के लिए, 81 वायरलेस टावर और 21 बड़े लैंप लगाए गए हैं। सरकार ने उखड़े हुए पेड़ों को हटाने के लिए 1,447 अर्थमूवर, 321 ड्रोन और 1,040 चेनसॉ भी तैयार रखे हैं। तैयारी के उपायों के तहत, राज्य भर के निवासियों को 3.6 करोड़ अलर्ट मैसेज भेजे गए हैं।
सुबह-सुबह तेज बारिश
सुबह 8.30 बजे से शाम 4 बजे के बीच, नेल्लोर जिले के उलवापाडु में 12.6 सेमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद कावली (12.2 सेमी), दगदर्थी (12 सेमी), सिंगरायकोंडा (10.5 सेमी), बी कोदुर (6 सेमी), और विशाखापत्तनम और तुनी (प्रत्येक में 2 सेमी) में बारिश दर्ज की गई।