एक दिन पहले व्हाइट हाउस में पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा- भारत और अमेरिका के संबंध बेहद विशेष हैं। इसे लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि दोनों देशों के बीच कभी-कभार ऐसे पल आ ही जाते हैं।
By: Arvind Mishra
Sep 06, 2025just now
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
एक दिन पहले व्हाइट हाउस में पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा- भारत और अमेरिका के संबंध बेहद विशेष हैं। इसे लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि दोनों देशों के बीच कभी-कभार ऐसे पल आ ही जाते हैं। इधर, दूसरे दिन सुबह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बयान पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा- राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे संबंधों के सकारात्मक मूल्यांकन की हम दिल से सराहना करते हैं। हम उनका पूर्ण समर्थन करते हैं। भारत और अमेरिका के बीच एक अत्यंत सकारात्मक, दूरदर्शी व्यापक और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है। रक्षा, तकनीक, ऊर्जा और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग को लेकर दोनों देशों की साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है। यही कारण है कि व्यापारिक तनाव के बावजूद दोनों नेता व्यक्तिगत संबंधों को प्राथमिकता दे रहे हैं। दरअसल, शुक्रवार को ओवल आफिस में मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था- मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा, वह एक महान प्रधानमंत्री हैं। लेकिन मुझे इस समय उनके द्वारा किए जा रहे काम पसंद नहीं आ रहे हैं। लेकिन भारत और अमेरिका के बीच एक खास रिश्ता है।
इससे पहले ट्रुथ सोशल पोस्ट में ट्रंप ने एक पुरानी तस्वीर साझा की थी, जिसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी नेता शी जिनपिंग के साथ पीएम मोदी दिखाई दे रहे थे। इस पोस्ट के साथ ट्रंप ने लिखा- लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है। ईश्वर करे कि उनका भविष्य लंबा और समृद्ध हो!
अमेरिका की ओर से जुर्माने के 25 फीसदी शुल्क समेत भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद भारत और अमेरिका के रिश्तों में थोड़ी खटास देखी जा रही है। इस टैरिफ विवाद के बीच हाल ही में पीएम मोदी ने चीन के तियानजिन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन में शिरकत की, जहां पीएम मोदी की रूसी राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बेहद गर्मजोशी से मुलाकात हुई, जिसे पूरी दुनिया के मीडिया में कवर किया गया। उसके बाद से ट्रंप अपने देश में ही आलोचनाओं में घिर गए।