जबलपुर में RSS की कार्यकारी मंडल बैठक का समापन। सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने विजयादशमी कार्यक्रमों के आंकड़े जारी किए: 62,555 कार्यक्रम, 32 लाख से अधिक स्वयंसेवकों की भागीदारी। संघ का शताब्दी वर्ष पर फोकस और मणिपुर, वंदेमातरम्, नक्सलवाद पर बयान।
By: Ajay Tiwari
Nov 02, 20253:47 PM
हाइलाइट्स
जबलपुर. स्टार समाचार वेब.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की महत्वपूर्ण तीन दिवसीय बैठक शनिवार को जबलपुर के विजय नगर स्थित संघ कार्यालय में संपन्न हो गई। सरसंघचालक मोहन भागवत तीनों दिन बैठक में उपस्थित रहे। इस बैठक में संघ के शताब्दी वर्ष की तैयारियों, कार्य विस्तार और विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की गई।
सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए विजयादशमी के कार्यक्रमों के आंकड़े और देश के वर्तमान परिदृश्य पर संघ का दृष्टिकोण साझा किया।
विजयादशमी कार्यक्रमों के आंकड़े (2025)
सरकार्यवाह ने बताया कि इस वर्ष आयोजित विजयादशमी कार्यक्रमों ने संघ के कार्य विस्तार का स्पष्ट प्रमाण दिया है:
कुल कार्यक्रम: देशभर में 62,555 विजयादशमी उत्सव आयोजित किए गए। इनमें से लगभग 80% कार्यक्रम विजयादशमी के दिन ही संपन्न हुए।
ग्रामीण पहुँच: 59,343 ग्रामीण मंडलों में से 37,250 मंडलों में कार्यक्रम आयोजित हुए, जिससे कुल 50,096 मंडलों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हुआ।
शहरी पहुँच: 44,686 नगरीय बस्तियों में से 40,220 बस्तियों में कार्यक्रम हुए।
गणवेश में उपस्थिति: इन कार्यक्रमों में 32,45,141 स्वयंसेवक गणवेश में उपस्थित थे।
पथ संचलन: देशभर में 25,000 स्थानों पर पथ संचलन (मार्च पास्ट) आयोजित किए गए, जिसमें 25,45,800 स्वयंसेवकों ने भागीदारी की।
भौगोलिक विस्तार: अंडमान, लद्दाख, अरुणाचल, मेघालय और नागालैंड जैसे सीमावर्ती तथा सागरीय क्षेत्रों तक भी कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिससे देश का कोई भी भौगोलिक क्षेत्र अछूता नहीं रहा। नागपुर के आयोजन में विदेशी अतिथियों की उपस्थिति भी दर्ज की गई।
संघ कार्य का वर्तमान विस्तार
दत्तात्रेय होसबाले ने बताया कि वर्तमान में देशभर के 55,052 स्थानों पर 87,398 शाखाएं संचालित हो रही हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 15,000 अधिक हैं। इसके अतिरिक्त 32,362 साप्ताहिक मिलन भी नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं। बीते एक वर्ष में 10,000 नए स्थानों पर संघ कार्य शुरू हुआ है, खासकर जनजातीय, श्रमजीवी, कृषक, विद्यार्थी और व्यवसायी वर्गों में उल्लेखनीय विस्तार हुआ है।
प्रमुख राष्ट्रीय विषयों पर बयान
मणिपुर: सरकार्यवाह ने मणिपुर की स्थिति को अभी भी चुनौतीपूर्ण बताया, लेकिन जल्द ही वहाँ सुधार देखने की उम्मीद जताई।
वंदेमातरम् के 150 वर्ष: उन्होंने कहा कि राष्ट्रगीत 'वंदेमातरम्' के 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसे केवल एक गीत नहीं, बल्कि "भारत की आत्मा का मंत्र" बताते हुए, उन्होंने वर्तमान पीढ़ी को इसकी प्रेरक कथा बताने की आवश्यकता पर जोर दिया।
नक्सली गतिविधियाँ: उन्होंने झारखंड और छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधियों में सकारात्मक परिवर्तन आने की बात कही, जहाँ कई नक्सली हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
युवा और तकनीक: उन्होंने भारतीय युवाओं द्वारा तकनीक और कौशल से देश के विकास में दिए जा रहे योगदान की सराहना की, लेकिन नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की।
बैठक में शताब्दी वर्ष से जुड़े आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा पर भी चर्चा की गई। यह भी निर्णय लिया गया कि मंडल और बस्ती स्तर पर हिंदू समाज के सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे और आने वाले समय में “पंच परिवर्तन” के कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।