विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की भारत में मौजूदगी को 'निजी पसंद' बताया। साथ ही, उन्होंने कहा कि पुतिन की यात्रा से भारत-अमेरिका व्यापार समझौता प्रभावित नहीं होगा।
By: Ajay Tiwari
Dec 07, 20255:29 PM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की विदेश नीति की बुनियाद, रणनीतिक स्वतंत्रता पर जोर देते हुए कई महत्वपूर्ण वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भारत का स्पष्ट रुख सामने रखा है।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत में मौजूदगी और उनके प्रत्यर्पण की मांग पर विदेश मंत्री जयशंकर ने साफ किया कि उनकी उपस्थिति उनकी 'निजी पसंद' है और यह पिछले साल बांग्लादेश में घटी विशेष परिस्थितियों से जुड़ी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत हमेशा बांग्लादेश का शुभचिंतक है और पड़ोसी देश में लोकतांत्रिक माहौल मजबूत देखना चाहता है। हालांकि, हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध मामले में मौत की सजा सुनाए जाने के बावजूद, भारत ने अभी तक प्रत्यर्पण पर कोई सहमति नहीं दी है।
शेख हसीना की मौजूदगी उनकी निजी पसंद है और यह पिछले साल घटी विशेष परिस्थितियों पर निर्भर करती है।
यशंकर ने स्पष्ट किया कि पुतिन की भारत यात्रा से भारत-अमेरिका व्यापार समझौता प्रभावित नहीं होगा; भारत सभी देशों से रणनीतिक स्वतंत्रता के साथ रिश्ते रखेगा।
अमेरिका के साथ व्यापार बातचीत केवल राष्ट्रीय हितों के अनुरूप ही होगी, जिसमें भारत के किसानों, मजदूरों और मध्यम वर्ग के हितों को प्राथमिकता दी जाएगी।
भारत की विदेश नीति का मूलमंत्र स्वतंत्र विकल्प और रणनीतिक स्वतंत्रता है, और किसी भी देश को भारत के फैसलों पर वीटो की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा को लेकर जयशंकर ने कहा कि भारत-रूस संबंध पिछले 70-80 वर्षों से सबसे स्थिर बड़े रिश्तों में शामिल हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुतिन की यात्रा से भारत-अमेरिका व्यापार समझौता प्रभावित नहीं होगा। उन्होंने कड़ा संदेश दिया, "भारत सभी बड़े देशों से रिश्ते रखता है। किसी भी देश को यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि उसे हमारे फैसलों पर वीटो जैसा असर मिलेगा।"
वर्तमान अमेरिकी प्रशासन के साथ व्यापार बातचीत पर जयशंकर ने भारत का रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि बातचीत केवल राष्ट्रीय हितों और भारत की शर्तों के अनुसार ही होगी। उन्होंने कहा, "डिप्लोमेसी किसी को खुश करने के लिए नहीं होती, यह देश के हितों की रक्षा के लिए होती है।" जयशंकर ने कहा कि अमेरिकी समझौते में भारत के किसानों, मजदूरों, छोटे कारोबारियों और मध्यम वर्ग के हितों को ध्यान में रखकर ही आगे बढ़ा जाएगा। विदेश मंत्री ने दोहराया कि एक बड़े और उभरते हुए देश के रूप में, भारत की विदेश नीति की बुनियाद स्वतंत्र विकल्प और रणनीतिक स्वतंत्रता ही रहेगी, और यही आगे भी जारी रहेगा।