मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा किया है। पटवारी ने दावा किया है कि खंडवा जिला प्रशासन ने एआई से बनी तस्वीरों का इस्तेमाल करके राष्ट्रीय जल संरक्षण पुरस्कार जीता है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष के आरोपों को निराधार बताते हुए खंडवा जिला पंचायत के सीईओ नागार्जुन बी गौड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखा।
By: Arvind Mishra
Dec 30, 202512:03 PM

खंडवा। स्टार समाचार वेब
मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा किया है। पटवारी ने दावा किया है कि खंडवा जिला प्रशासन ने एआई से बनी तस्वीरों का इस्तेमाल करके राष्ट्रीय जल संरक्षण पुरस्कार जीता है। कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा- जहां सरकार को हमारे बच्चों को एआई का सही इस्तेमाल सिखाना चाहिए। वहीं वह खुद एआई का इस्तेमाल करके भ्रष्टाचार कर रही है। खंडवा में अधिकारियों ने दो फीट गहरे गड्ढों को एआई का इस्तेमाल करके कुआं बना दिया और क्षेत्र में अलग-अलग विकास कार्यों की एआई से बनी तस्वीरें पोर्टल पर अपलोड कर दीं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष के आरोपों को निराधार बताते हुए खंडवा जिला पंचायत के सीईओ नागार्जुन बी गौड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखा।
पुरस्कार का तस्वीरों से लेना-देना नहीं
जिपं सीईओ नागार्जुन बी गौड़ा ने कहा- एआई से बनी तस्वीरें अपलोड करने का राष्ट्रीय जल पुरस्कार से कोई लेना-देना नहीं है। जल संचय, जन भागीदारी अभियान के तहत किए गए 1 लाख 29 हजार 46 कार्यों की पूरी जांच के बाद वेरिफाइड तस्वीरें अभियान के खरखइ पोर्टल पर अपलोड की गईं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने इन सभी तस्वीरों को वेरिफाई किया और कुल कार्यों के एक प्रतिशत का रैंडम फील्ड इंस्पेक्शन किया।
झूठी खबरें फैलाई जा रहीं
सीईओ ने कहा-पहली नजर में खंडवा जिले में किए गए जल संरक्षण कार्यों के बारे में कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स द्वारा झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं। जल संरक्षण से संबंधित तस्वीरें कैच द रेन नाम के दूसरे पोर्टल पर सिर्फ शैक्षिक और प्रेरणादायक उद्देश्यों के लिए अपलोड की जाती हैं।
दोनों पोर्टल बिल्कुल अलग
जिपं सीईओ ने कहा- जिला प्रशासन को पता चला है कि एआई से बनाई गई 21 तस्वीरें कैच द रेन पोर्टल पर अपलोड की गई थीं। यह शायद गलत इरादे से किया गया था। प्रशासन इन तस्वीरों को अपलोड करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। कैच द रेन पोर्टल जल संचय, जन भागीदारी अभियान पोर्टल से बिल्कुल अलग है। जल संचय, जन भागीदारी अभियान के तहत अवॉर्ड कैच द रेन पोर्टल पर अपलोड की गई तस्वीरों के आधार पर नहीं दिए जाते हैं। अभियान के तहत खंडवा जिले में 1.25 लाख से ज्यादा जल संरक्षण के काम किए गए, जो देश में सबसे ज्यादा हैं।
दो करोड़ का मिला पुरस्कार
गौरतलब है कि केंद्र के जल संचय, जन भागीदारी अभियान के तहत जल संरक्षण में बेहतरीन काम के लिए खंडवा जिले को देश भर में पहला स्थान मिला है। नवंबर में नई दिल्ली में आयोजित छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में इसे 2 करोड़ रुपए का पुरस्कार मिला। खंडवा जिले की कावेश्वर पंचायत ने भी समारोह में सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत श्रेणी में दूसरा पुरस्कार जीता।
अब भ्रष्टाचार भी स्मार्ट
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटवारी ने दावा किया है कि फर्जी तस्वीरों के आधार पर उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पुरस्कार भी ले लिया। जब जमीनी हकीकत सामने आई, तो वहां खेत और खाली मैदान पाए गए। साफ है कि यह जल संरक्षण नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी से बनी तस्वीरों का खेल था। अब भ्रष्टाचार भी स्मार्ट हो गया है।