नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर पाबंदी के खिलाफ युवाओं के विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने से 20 लोगों की मौत हो गई। 347 घायल हो गए। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई जगह झड़पें हुईं। काठमांडो में प्रदर्शनकारी संसद भवन परिसर में घुस गए और तोड़फोड़ की।
By: Arvind Mishra
Sep 09, 20252 hours ago
काठमांडू। स्टार समाचार वेब
नेपाल में युवाओं ने अतीत में कई विद्रोहों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान विरोध प्रदर्शन श्रीलंका और बांग्लादेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं के आंदोलन के समान है। श्रीलंका और बांग्लादेश में जेन-जी ने विद्रोह का नेतृत्व किया। नेपाल में भी प्रदर्शनकारियों ने सरकारी कार्यालयों में तोड़फोड़ की। आंदोलनकारियों की मांग भ्रष्टाचार की जांच और प्रतिबंधित इंटरनेट मीडिया की बहाली है। दरअसल, नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर पाबंदी के खिलाफ युवाओं के विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने से 20 लोगों की मौत हो गई। 347 घायल हो गए। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई जगह झड़पें हुईं। काठमांडो में प्रदर्शनकारी संसद भवन परिसर में घुस गए और तोड़फोड़ की। विरोध प्रदर्शन पोखरा, बुटवल, भैरहवा, भरतपुर, इटाहारी और दमक तक फैल गया। हालात काबू में करने के लिए काठमांडो समेत कई शहरों में कर्फ्यू लगाने के साथ सेना को तैनात करना पड़ा। बेकाबू हिंसा के बाद नेपाली गृह मंत्री रमेश लेखक को इस्तीफा दे दिया। लेकिन, देर रात नेपाल सरकार झुकी और सोशल मीडिया से प्रतिबंध हटा दिया।
हिंसा के बाद पीएम केपी शर्मा ओली ने भी अपने सुर बदल लिए। उन्होंने कहा कि मैं जेन-जी पीढ़ी के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई दुखद घटना से बहुत दुखी हूं। हमें विश्वास था कि हमारे बच्चे शांतिपूर्वक अपनी मांगों को उठाएंगे, लेकिन निहित स्वार्थों के कारण विरोध प्रदर्शन में घुसपैठ हुई। इस कारण उत्पन्न स्थिति के परिणामस्वरूप नागरिकों की जान का दुखद नुकसान हुआ है... सरकार सोशल मीडिया के इस्तेमाल को रोकने के पक्ष में नहीं थी और इसके इस्तेमाल के लिए माहौल सुनिश्चित करेगी।
ओली ने कहा कि इसके लिए लगातार प्रदर्शन करने की कोई जरूरत नहीं थी। इस स्थिति को जारी नहीं रहने दिया जाएगा। मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि आज की पूरी घटना और नुकसान, उसकी स्थिति और कारणों की जांच और विश्लेषण के लिए एक जांच समिति का गठन किया जाएगा। भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की सिफारिश करने के लिए 15 दिनों के भीतर एक रिपोर्ट पेश की जाएगी।
सरकार विरोधी प्रदर्शन में ज्यादातर स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राएं हैं, जो यूनिफॉर्म में थे। उनके हाथों में राष्ट्रीय ध्वज के साथ नारे लिखे बैनर-पोस्टर थे। उन पर लिखा था, भ्रष्टाचार बंद करो, सोशल मीडिया नहीं। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटाओ और युवा भ्रष्टाचार के खिलाफ।
भारत ने नेपाल सीमा पर अलर्ट जारी किया है। सशस्त्र सीमा बल ने सतर्कता बढ़ा दी। भारतीय क्षेत्र में अशांति फैलने से रोकने के लिए नजर रखी जा रही है। सीमा चौकियों पर आने-जाने वालों की सघन चेकिंग हो रही है। भारत-नेपाल के बीच 1,751 किमी लंबी सीमा है।