रीवा में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के घेराव के दौरान NSUI छात्रों पर पुलिस ने बल प्रयोग किया। वाटर कैनन और टियर गैस से भीड़ को तितर-बितर किया गया। दो दर्जन से अधिक कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया। NSUI जिला अध्यक्ष पंकज उपाध्याय ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर छात्रों की मांगों को नजरअंदाज़ करने का आरोप लगाया है।
By: Yogesh Patel
Jun 24, 20251 hour ago
रीवा, स्टार समाचार वेब
विभिन्न मांगों को लेकर अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय का घेराव करने पहुंचे एनएसयूआई के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं को कंट्रोल करने के लिये पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा। भीड़ को तितर-बितर करने के लिये पुलिस ने ना सिर्फ वाटर कैनन चलाया, बल्कि आंसू गैस के गोले भी दागे। इस दौरान दो दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी भी दी। एनएसयूआई का यह प्रदर्शन करीब दो घंटे तक चला।
सोमवार की सुबह से ही विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर एनएसयूआई के छात्रों की भारी भीड़ जमा थी। जहां वह अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विश्वविद्यालय के खिलाफ प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे थे। तभी पुलिस ने विश्वविद्यालय मार्ग को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया। विश्वविद्यालय की ओर बढ़ रहे छात्रों को रास्ते पर ही रोकने की कोशिश की गई। इस दौरान बैरिकेट्स तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे छात्रों को रोकने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का उपयोग किया। इतना ही नहीं भीड़ को काबू में करने के लिये आंसू गैस के गोले भी छोड़े गये। जिसके बाद स्थिति पूरी तरह से काबू में कर ली गई। इसके बाद एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने अपनी गिरफ्तारी दी, जिन्हें बाद में मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
सुबह से तैनात था पुलिस बल
एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय के खिलाफ प्रदर्शन करने की घोषणा सोमवार को ही कर दी थी। जिसके चलते सोमवार की सुबह से ही विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर भारी पुलिस बल को बैरीकेट्स के साथ तैनात कर दिया गया था। इतना ही नहीं मौके पर कई थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ मौजूद थे। इसके अलावा दो फायर ब्रिगेड और वज्र वाहन भी तैनात था। जिसकी मदद से भीड़ को काबू में किया गया।
मांगे नहीं मानने पर किया गया प्रदर्शन
एनएसयूंआई के जिला अध्यक्ष पंकज उपाध्याय ने बताया कि उनके द्वारा विश्वविद्यालय में व्याप्त विभिन्न समस्याओं को लेकर कई बार ज्ञापन सौंपा जा चुका है, लेकिन उनकी मांगों पर अमल नहीं किया जा रहा था। जिसके चलते सोमवार को उन्हें उग्र प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि वह छात्रों के हित की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं और लड़ते रहेंगे।