सतना ज़िले की ग्राम पंचायत बम्हौरी आज भी 2008-09 में मंजूर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का लाभ नहीं पा सकी। रिकॉर्ड में 2.4 किमी का मार्ग दर्ज है--लेकिन ठेकेदार ने 4.8 किमी सड़क लखनवाह से घोरकाट तक बना दी और घोरकाट को ही ‘बम्हौरी’ बताकर बोर्ड लगा दिया।
By: Yogesh Patel
Jun 24, 202555 minutes ago
अंधेरगर्दी: डेढ़ दशक तक लापता सड़क को ढूंढ़ते रहे ग्रामवासी और सरपंच
सतना, स्टार समाचार वेब
रसूखदार सियासतदारों के करीबियों को लाभ पहुंचाने अफसर किस प्रकार से एक बड़ी आबादी के साथ छल करने से नहीं हिचकते हैं, इसका एक नमूना देखना हो तो सतना जिले की ग्राम पंचायत बम्हौरी पहुंचिए जहां की एक बड़ी आबादी 16 वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क परियोजना के अधिकारियों द्वारा किए गए छल का दंश आज भी भोग रही है। बताया जाता है कि परिवार विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए बम्हौरी के नाम पर सड़क निर्माण स्वीकृत करा तकरीबन दोगुनी लंबाई की सड़क दूसरे गांव तक बना दी लेकिन बम्हौरी के वाशिंदों को आज भी बारिश के दौरान दलदली सड़क से गिरते-पड़ते अपने घरों तक पहुंचना पड़ता है। मामला रामपुर बाघेलान विधानसभा अंतर्गत ग्राम पंचायत बम्हौरी का है । हालंकि सड़क निर्माण के दौरान बम्हौरी सतना विधानसभा क्षेत्र में था जिसका भूमिपूजन वर्ष 2008-09 में तत्कालीन सतना विधायक शंकरलाल तिवारी व तत्कालीन मंत्री रूस्तम सिंह ने किया था।
ग्रामवसियों को गुमराह करते रहे अधिकारी
दिलचस्प बात यह है कि लखनवाह-घोरकाट के बीच सड़क बनने के बाद बम्हौरी के वाशिंदों व उसके बाद हुए सरपंचों ने लगातार सड़क बनाने की मांग उठाई लेकिन उनकी गुहार को यह कहकर अनसुना कर दिया जाता था कि सड़क निर्माण तो बम्हौरी गांव तक कराया जा चुका है। लखनवाह ग्राम पंचायत के पूर्व उपसरपंच महेंद्र सिंह सोलंकी बताते हैं कि दरअसल लखनवाह-बम्हौरी के नाम पर स्वीकृत सड़क को बम्हौरी तक पहुंचने ही नहीं दिया गया और आधा किमी पहले ही बरखंडी बाबा नामक जगह से सड़क को घोरकाट की ओर बना दिया गया। बम्हौरी के वर्तमान सरपंच रेवती रमण दाहिया ने बताया कि ग्राम पंचायत को दोहरी मार सहनी पड़ रही है। एक ओर जहां सड़क निर्माण हुआ बताकर सड़क निर्माण का रास्ता बंद कर दिया गया है वहीं ग्राम पंचायत को अपने मद से सड़क से दुरूस्त कराना पड़ता है। वहीं घोरकाट के रहवसियों की माने तो उन्हे रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा की घोरकटी में शुक्ला परिवार के यहां रिश्तेदारी का फायदा मिला। हालंकि सड़क निर्माण के दौरान श्री मिश्रा सांसद नहीं थे।
घोरकाट को बना दिया बम्हौरी
दरअसल पहुंच मार्गों से कटे गांवों को मुख्य मांर्गों से जोड़ कर विकास की मुख्य धारा से जोड़ने की मंशा से जब केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना शुरू की थी। इसी योजना के तहत लखनवाह ग्राम पंचायत से बम्हौरी तक सड़क निर्माण का काम स्वीकृत हुआ। यूं तो लखनवाह से बम्हौरी की दूरी तकरीबन 2.4 किमी है लेकिन पीएमजीएसवाई के तहत जारी वर्क आर्डर में दोगुनी दूरी 4.8 किमी दर्ज कर मेसर्स दक्षिणा इंफ्रा को सड़क निर्माण का जिम्मा दिया गया। ठेका कंपनी ने विभाग द्वारा दिए गए वर्क आर्डर के आधार पर 4.8 किमी सड़क तो बना दी लेकिन यह सड़क लखनवाह-बम्हौरी के बीच बनाने के बजाय लखनवाह -घोरकटी-घोरकाट मार्ग बना दिया गया जबकि घोरकाट पहले ही पहुंच मार्ग से जुड़ा हुआ था। उस दौरान पीएमजीएसवाई के अधिकारियों ने बम्हौरी वासियों के साथ किए गए छल को छुपाने के लिए बम्हौरी से 2.4 किमी दूर घोरकाट को ही बम्हौरी गांव बनाते हुए वहां बम्हौरी गांव का बोर्ड टांग दिया। यहां तक कि पीएमजीएसवाई द्वारा घोरकाट ग्राम पंचायत में सड़क पर लगाए गए माइलोमीटर (किमी दर्शाने वाली शिलापट्टिका ) में शून्य किमी को दर्शा कर यह सुनिश्चित कर दिया कि सड़क बम्हौरी तक ही बनाई गई है। इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि जिस बम्हौरी ग्राम पंचायत के लिए सड़क स्वीकृत हुई थी, वहां आज भी सड़क नहीं है जिसके चलते यहां संचालित विद्यालय व आंगनवाड़ी में बच्चों को कीचड़युक्त सड़क से जाना पड़ता है।
निश्चित तौर पर बम्हौरी गांव में सड़क की दरकार जहां जल्द सड़क बनाकर ग्रामवासियों की समस्या का निदान किया जाएगा। डीपीआर तैयार कर सड़क जल्द ही बनाई जाएगी।
गणेश मिश्रा, जीएम पीएमजीएसवाई
हमारे गांव के साथ छल हुआ है। हम जब भी सड़क निर्माण की मांग करते थे तो रिकार्ड देखकर कह दिया जाता था कि आपकी पंचायत में तो पहुंच मार्ग बनाया जा चुका है। एक बड़ी आबादी सड़क न होने से परेशान है।
रेवती रमण दाहिया, सरपंच, बम्हौरी